




उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सनातन धर्म को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “सबको सनातन धर्म की ही शरण में आना होगा।” यह बयान उन घटनाओं के बाद आया है, जब बरेली में हाल ही में हिंसा हुई थी और राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा तेज़ हो गई थी।
सीएम योगी आदित्यनाथ का यह बयान राज्य में धार्मिक समरसता और सामाजिक नियंत्रण के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका कहना है कि सनातन धर्म न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक अनुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने का भी माध्यम है।
बरेली में हुई हिंसा के बाद यूपी में सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर चर्चा तेज़ हो गई थी। इस हिंसा ने न केवल स्थानीय लोगों को प्रभावित किया, बल्कि राज्य की सियासी स्थिति को भी चुनौती दी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि राज्य में किसी भी प्रकार की अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने सनातन धर्म की महत्ता को सामने रखते हुए यह भी कहा कि धार्मिक और सामाजिक अनुशासन बनाए रखना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है।
उनका यह बयान विशेष रूप से इस समय आया है जब राज्य में धार्मिक तनाव और सांप्रदायिक मुद्दों पर चर्चा बढ़ रही है। योगी आदित्यनाथ ने इसे एक मार्गदर्शन और चेतावनी के रूप में पेश किया।
योगी आदित्यनाथ का कहना है कि सनातन धर्म न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज और संस्कृति का आधार भी है। उन्होंने यह भी बताया कि सनातन धर्म के सिद्धांतों का पालन करने से समाज में आपसी सहानुभूति, शांति और अनुशासन बढ़ता है।
सीएम ने जोर दिया कि समाज में भाईचारा और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उनके अनुसार, सभी नागरिकों को सनातन धर्म की सीख और आदर्शों को अपनाना चाहिए ताकि सामाजिक सौहार्द और शांति बनी रहे।
सीएम योगी का यह बयान राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। यह संदेश राज्य की जनता को कानून का पालन करने और धार्मिक समरसता बनाए रखने की चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान राज्य में शांति बनाए रखने और साम्प्रदायिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से दिया गया है। इसके अलावा, यह उत्तर प्रदेश की सियासी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के दृढ़ रुख को भी दर्शाता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर जनता और सोशल मीडिया दोनों पर प्रतिक्रिया मिली-जुली है। कुछ लोग इसे राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और धार्मिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए सकारात्मक कदम मान रहे हैं।
वहीं कुछ आलोचक इसे विवादास्पद भी मान रहे हैं। उनका कहना है कि किसी धर्म विशेष के शरण में आने की अपील राजनीतिक दृष्टिकोण से विवाद पैदा कर सकती है। इसके बावजूद, राज्य में यह बयान चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है।
योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म को सांस्कृतिक और सामाजिक अनुशासन का आधार बताया। उनके अनुसार, धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक नैतिकता, अनुशासन और समुदाय के बीच आपसी सम्मान की सीख भी देता है।
सीएम ने कहा कि सनातन धर्म का पालन करने से समाज में शांति, भाईचारा और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना मजबूत होती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि धर्म के सिद्धांतों को अपनाना राज्य और समाज दोनों के लिए लाभकारी है।