• Create News
  • Nominate Now

    असम में बढ़ी सियासी गर्मी: सीएम हिमंत बिस्व सरमा बोले—गौरव गोगोई के पाकिस्तान से कथित संबंधों की SIT रिपोर्ट जल्द करेंगे सार्वजनिक

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    असम की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई और उनके परिवार के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट “बेहद नुकसानदेह” है। सरमा ने कहा कि इस रिपोर्ट में पाकिस्तान से कथित संबंधों के प्रमाण मिले हैं और राज्य सरकार इसे जल्द ही दिल्ली में सार्वजनिक करेगी

    मुख्यमंत्री ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब असम में भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक टकराव पहले से ही चरम पर है। सरमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “SIT की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है। इसमें जो तथ्य सामने आए हैं, वे राज्य और देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अनौपचारिक रूप से चर्चा की गई है और बहुत जल्द हम इसे प्रेस के सामने पेश करेंगे।”

    उन्होंने आगे कहा कि “मैं यह रिपोर्ट दिल्ली में मीडिया के सामने रखूंगा ताकि देश देख सके कि कांग्रेस के कुछ नेता किनसे जुड़े हुए हैं।” मुख्यमंत्री का यह बयान जैसे ही सामने आया, राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक साजिश” बताया और कहा कि यह केवल विपक्ष को बदनाम करने की कोशिश है।

    मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी दावा किया कि SIT ने इस मामले में कई गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और कुछ वित्तीय लेन-देन के सबूत भी मिले हैं, जो पाकिस्तान से कथित संपर्क की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने कहा, “यह मामला किसी व्यक्ति विशेष से जुड़ा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है। जो भी इस रिपोर्ट को देखेगा, वह समझ जाएगा कि यह कितनी गंभीर बात है।”

    वहीं, कांग्रेस ने इस बयान को पूरी तरह राजनीतिक नाटक करार दिया। असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री को राजनीतिक रूप से असम के मुद्दों से ध्यान हटाना आता है। यह SIT रिपोर्ट सिर्फ एक कल्पना है, जिसका इस्तेमाल मेरे परिवार और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।”

    गौरव गोगोई ने कहा कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं और यदि मुख्यमंत्री के पास कोई ठोस सबूत है, तो उन्हें अदालत में पेश करना चाहिए, न कि मीडिया में बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “असम की जनता जानती है कि मुख्यमंत्री किस तरह से झूठे आरोप लगाकर विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करते हैं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि राजनीतिक झूठ ज्यादा दिनों तक नहीं टिकते।”

    यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब असम में लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो रही हैं। भाजपा लगातार अपने हिंदुत्व और राष्ट्रवादी एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस राज्य में बेरोजगारी, बाढ़ प्रबंधन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।

    राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हिमंत बिस्व सरमा का यह बयान रणनीतिक रूप से दिया गया है। इससे भाजपा समर्थकों के बीच कांग्रेस के खिलाफ राष्ट्रवाद और सुरक्षा का मुद्दा उभर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, “असम में सुरक्षा और सीमा पार गतिविधियों से जुड़े मुद्दे हमेशा से संवेदनशील रहे हैं। ऐसे में किसी बड़े विपक्षी नेता पर पाकिस्तान से संबंधों का आरोप एक बड़ा राजनीतिक हथियार साबित हो सकता है।”

    मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी संकेत दिया कि SIT रिपोर्ट के कुछ हिस्से “अत्यंत गोपनीय” हैं और फिलहाल सार्वजनिक नहीं किए जा सकते। उन्होंने कहा कि “हम रिपोर्ट के तथ्यों को कानूनी दायरे में रखते हुए सार्वजनिक करेंगे। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता रखी जाए।”

    इस मामले में विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया भी आई है। एआईयूडीएफ (AIUDF) और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा पर “राजनीतिक नाटक” करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, भाजपा विपक्षी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाकर ध्यान भटकाने की कोशिश करती है।

    दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री ने जो कहा है, वह तथ्यों पर आधारित है। अगर SIT ने ऐसी रिपोर्ट दी है, तो जनता को सच जानने का अधिकार है। यह मामला सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा है।”

    असम की राजधानी गुवाहाटी में राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार आने वाले दिनों में SIT रिपोर्ट का एक हिस्सा मीडिया को दिखा सकती है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रिपोर्ट का कितना हिस्सा सार्वजनिक किया जाएगा और उसमें किन-किन व्यक्तियों के नाम हैं।

    पिछले कुछ महीनों से असम सरकार ने कई संवेदनशील मामलों में SIT जांचों को आगे बढ़ाया है। इनमें भ्रष्टाचार, सीमा पार तस्करी और आतंकी वित्तपोषण से जुड़े मामले शामिल हैं। ऐसे में गौरव गोगोई से संबंधित यह कथित रिपोर्ट राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है।

    राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री सरमा के बयान के पीछे केंद्रीय स्तर की रणनीति हो सकती है। भाजपा इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उछालकर कांग्रेस को रक्षात्मक स्थिति में लाना चाहती है।

    अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री के उस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं, जिसमें वे SIT रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का दावा कर चुके हैं। यदि यह रिपोर्ट सामने आती है, तो असम की राजनीति में बड़ा भूचाल आ सकता है। वहीं, अगर रिपोर्ट के दावे कमजोर साबित हुए, तो विपक्ष को भाजपा पर पलटवार करने का मौका मिलेगा।

    फिलहाल, असम की राजनीति में यह विवाद राजनीतिक तापमान को और बढ़ा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री सरमा इसे “सुरक्षा से जुड़ा खुलासा” बता रहे हैं, वहीं गौरव गोगोई इसे “झूठी कहानी” कह रहे हैं। सच्चाई क्या है, यह तो SIT रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद ही सामने आएगा, लेकिन इतना तय है कि असम की राजनीति में आने वाले दिनों में यह मामला मुख्य केंद्र में रहेगा।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    चुनावों से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव — कई राज्यों में बदले ‘रणनीतिक योद्धा’, वार रूम की कमान नए नेताओं को

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति को नया आकार देने की दिशा…

    Continue reading
    प्रधानमंत्री मोदी ने रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा—वंचितों और शोषितों के कल्याण के प्रतीक थे

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *