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    अब ट्रेन में जहाज जैसी सुविधा! दिवाली से पहले आ रही है स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस

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    भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों के अनुभव को आधुनिक और आरामदायक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसी क्रम में अब रेलवे दिवाली से पहले यात्रियों को एक बड़ी सौगात देने जा रहा है — स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस। यह ट्रेन भारत के रेल इतिहास में एक और मील का पत्थर साबित होगी।

    वर्तमान में देश के 50 से अधिक मार्गों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें दौड़ रही हैं। तेज, आरामदायक और अत्याधुनिक सुविधाओं वाली इन ट्रेनों ने देश के यात्रियों के बीच खास पहचान बनाई है। अब रेलवे इन ट्रेनों का स्लीपर वर्जन लेकर आ रहा है, जो लंबी दूरी की यात्राओं को और भी शानदार बनाएगा।

    दिवाली से पहले लॉन्च की तैयारी

    सूत्रों के अनुसार, भारतीय रेलवे इस स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को दिवाली से पहले ही शुरू करने की तैयारी में है। यह ट्रेन यात्रियों को राजधानी एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की यात्रा में एयरक्राफ्ट जैसी सुविधा देगी।
    रेलवे अधिकारियों का कहना है कि नई स्लीपर ट्रेन में लक्जरी इंटीरियर, डिजिटल कंट्रोल सिस्टम, बेहतर सस्पेंशन और साउंडप्रूफ केबिन जैसी सुविधाएं होंगी।

    यह ट्रेन उन यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी जो रातभर की यात्रा के दौरान आराम चाहते हैं और साथ ही तेज रफ्तार का अनुभव भी करना चाहते हैं।

    राजधानी रूट पर होगी पहली सवारी

    मिली जानकारी के मुताबिक, स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को सबसे पहले दिल्ली-मुंबई या दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलाने की योजना है।
    ये दोनों रूट देश के सबसे व्यस्त और प्रतिष्ठित रेल मार्गों में गिने जाते हैं, जहां हर दिन लाखों यात्री सफर करते हैं।
    ऐसे में इस रूट पर वंदे भारत स्लीपर की शुरुआत यात्रियों के लिए एक शानदार विकल्प साबित होगी।

    सामान्य राजधानी एक्सप्रेस की तुलना में यह ट्रेन न केवल तेज गति से चलेगी, बल्कि इसमें मिलने वाली सुविधाएं भी वर्ल्ड-क्लास स्टैंडर्ड की होंगी।

    कैसी होंगी ट्रेन की खासियतें

    स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को भारतीय रेलवे के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई में तैयार किया जा रहा है।
    ट्रेन के डिजाइन में अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक सौंदर्यशास्त्र का समावेश किया गया है।
    प्रत्येक कोच में यात्रियों के आराम और सुविधा को प्राथमिकता दी गई है।

    मुख्य विशेषताएं होंगी:

    • हर स्लीपर बर्थ के लिए पर्सनल लाइट, चार्जिंग पॉइंट और स्क्रीन।

    • पूरी तरह साउंडप्रूफ कोच ताकि यात्रा के दौरान शांति का अनुभव मिले।

    • मॉड्यूलर टॉयलेट और सेंसर बेस्ड टैप सिस्टम।

    • ऑटोमैटिक डोर सिस्टम और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था।

    • कैफे-किचन और डिजिटल मेन्यू की सुविधा।

    • पावरफुल एसी यूनिट और ऑटोमैटिक टेंपरेचर कंट्रोल।

    रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह ट्रेन “भारत की अब तक की सबसे उन्नत स्लीपर ट्रेन” होगी।

    ट्रेन में जहाज जैसी अनुभूति

    रेलवे मंत्रालय ने दावा किया है कि स्लीपर वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों को एयरक्राफ्ट जैसी सुविधा और अनुभव मिलेगा।
    हर कोच का डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि यात्री को उड़ान जैसी सुकून भरी यात्रा महसूस हो।

    इंटीरियर में प्रयुक्त रंग, सीट का आराम, एलईडी लाइटिंग और डिजिटल डिस्प्ले पैनल पूरी यात्रा को हाई-एंड लुक देंगे।
    रेलवे का लक्ष्य है कि इस ट्रेन के जरिये यात्रियों को “कम किराए में बिजनेस क्लास” जैसा अनुभव दिया जा सके।

    टेस्ट रन और ट्रायल रिपोर्ट

    पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल रन अगस्त महीने में किया गया था।
    ट्रायल रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन ने 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सफर किया और इसका सस्पेंशन व शोर स्तर दोनों ही उत्कृष्ट पाए गए।

    ICF ने अब दूसरी ट्रेन के कोच निर्माण पर भी काम शुरू कर दिया है।
    जल्द ही इन ट्रेनों का संचालन रेलवे बोर्ड की अनुमति के बाद यात्रियों के लिए शुरू किया जाएगा।

    रेलवे का लक्ष्य — 2030 तक 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें

    भारतीय रेलवे का लक्ष्य है कि 2030 तक देश में 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें चलें।
    इनमें से करीब 100 ट्रेनें स्लीपर वर्जन में होंगी।
    इससे देश के लंबी दूरी के रेल नेटवर्क में बड़ा परिवर्तन आएगा और यात्रियों की यात्रा का स्तर पूरी तरह से बदल जाएगा।

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि वंदे भारत ट्रेनें “भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी क्षमता का प्रतीक” हैं।
    नई स्लीपर वर्जन ट्रेन इससे एक कदम आगे बढ़कर भारत को हाई-स्पीड रेल के नए युग में ले जाएगी।

    पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी फायदा

    स्लीपर वंदे भारत ट्रेन के आने से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि टूरिज्म और बिजनेस सेक्टर को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
    तेज, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा के कारण यात्री रेल को हवाई यात्रा के विकल्प के रूप में चुन सकेंगे।

    इससे न केवल रेलवे की आय बढ़ेगी, बल्कि देश के विभिन्न शहरों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी मजबूत होगा।

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