




भारत की डिजिटल क्रांति अब सीमाओं से परे फैल चुकी है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI (Unified Payments Interface) की शुरुआत फ्रांस में होने के बाद वहां भारतीयों के बीच उत्साह का माहौल है। फ्रांस के प्रतिष्ठित स्थल एफिल टावर समेत कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर यूपीआई भुगतान की सुविधा शुरू की गई है, और इसका सीधा असर भारत से फ्रांस जाने वाले पर्यटकों की संख्या पर पड़ा है।
लायरा नेटवर्क के चेयरमैन क्रिस्टोफी मैरियट ने बताया कि फ्रांस में यूपीआई के लॉन्च के बाद से भारतीय पर्यटकों की संख्या में लगभग 40% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल पेमेंट सुविधा ने भारतीय यात्रियों को बेहद आसान, सुरक्षित और पारदर्शी भुगतान विकल्प प्रदान किया है, जिससे उनका अनुभव और बेहतर हुआ है।
फ्रांस में डिजिटल इंडिया की धमक
भारत के “डिजिटल इंडिया मिशन” के तहत विकसित यूपीआई अब सिर्फ देश में नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रहा है। भारत के नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने फ्रांस की पेमेंट सर्विस कंपनी लायरा नेटवर्क के साथ साझेदारी की थी, जिसके तहत फ्रांस के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर यूपीआई भुगतान को सक्षम बनाया गया।
इस साझेदारी के जरिए भारतीय पर्यटक अब फ्रांस में अपने मोबाइल से सीधा स्कैन करके भुगतान कर सकते हैं — जैसे वे भारत में करते हैं।
फ्रांस में इस सुविधा की शुरुआत पहले एफिल टावर, लूव्र म्यूजियम, डिज्नीलैंड पेरिस और पेरिस मेट्रो जैसे व्यस्त स्थानों पर की गई है।
भारतीय पर्यटकों के लिए हुआ आसान सफर
अब तक फ्रांस में भारतीय पर्यटकों को भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड, विदेशी मुद्रा या स्थानीय पेमेंट ऐप्स का उपयोग करना पड़ता था, जिससे कई बार लेनदेन में देरी और अतिरिक्त शुल्क जैसी समस्याएं आती थीं।
लेकिन अब यूपीआई से भुगतान करने की सुविधा मिलने के बाद भारतीय यात्रियों को इन जटिलताओं से राहत मिली है।
भारतीय सैलानी अब एफिल टावर की टिकट, कैफे बिल, मेट्रो किराया और शॉपिंग बिल का भुगतान भारत में उपयोग होने वाले BHIM, PhonePe, Paytm या Google Pay जैसे ऐप्स से कर सकते हैं।
इससे न केवल भुगतान का समय बचता है, बल्कि मुद्रा विनिमय से जुड़ी परेशानियां भी खत्म हो गई हैं।
फ्रांस की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा
यूपीआई के आगमन से फ्रांस के स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ हो रहा है। पहले भारतीय पर्यटक कैश या कार्ड से भुगतान करते थे, लेकिन अब वे अपने यूपीआई ऐप्स से तत्काल भुगतान कर सकते हैं, जिससे स्थानीय दुकानदारों को बिक्री में बढ़ोतरी दिख रही है।
लायरा नेटवर्क के अनुसार, यूपीआई भुगतान शुरू होने के बाद भारतीय सैलानियों द्वारा औसत खर्च में 25% तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
इससे न केवल पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिला है, बल्कि फ्रांस के स्थानीय बाजारों में भी भारतीय उपस्थिति मजबूत हुई है।
NPCI और लायरा नेटवर्क की साझेदारी
फ्रांस में यूपीआई की शुरुआत भारत और फ्रांस के बीच डिजिटल साझेदारी की दिशा में एक अहम कदम है।
NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने 2023 में लायरा नेटवर्क के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, ताकि भारतीय पर्यटकों को फ्रांस में डिजिटल भुगतान की सुविधा मिल सके।
लायरा नेटवर्क, फ्रांस की सबसे बड़ी पेमेंट सर्विस कंपनियों में से एक है, जो यूरोप के 15 से अधिक देशों में कार्यरत है। इस साझेदारी से दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग और वित्तीय संबंध और भी गहरे हुए हैं।
NPCI का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यूपीआई को 50 से अधिक देशों में विस्तार दिया जाए, ताकि भारतीय यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक समान डिजिटल भुगतान सुविधा मिल सके।
भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी उछाल
भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश है, और हर साल लाखों भारतीय विदेश यात्रा करते हैं।
फ्रांस हमेशा से भारतीय सैलानियों के लिए पसंदीदा गंतव्य रहा है, लेकिन अब यूपीआई के आने के बाद यह आकर्षण और बढ़ गया है।
क्रिस्टोफी मैरियट ने कहा —
“एफिल टावर पर यूपीआई भुगतान सुविधा शुरू होने के बाद हमने देखा कि भारतीय पर्यटक अधिक समय बिता रहे हैं, ज्यादा खर्च कर रहे हैं, और उनके अनुभव में काफी सुधार हुआ है।”
फ्रांस टूरिज्म बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2024 की तुलना में 2025 में भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या में 40% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि किसी भी देश के मुकाबले सबसे अधिक है।
फ्रांस में भारतीय संस्कृति की झलक
फ्रांस में अब भारतीय डिजिटल टेक्नोलॉजी का असर साफ देखा जा सकता है।
कैफे, रेस्टोरेंट और टूरिस्ट शॉप्स पर अब “UPI Accepted Here” के बोर्ड लगाए जा रहे हैं।
पेरिस की गलियों में भारतीय पर्यटकों को आसानी से यूपीआई से भुगतान करते देखा जा सकता है।
कई स्थानीय फ्रेंच नागरिकों ने भी इस टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी दिखाई है। उनका कहना है कि भारत की यह प्रणाली बेहद तेज और सुरक्षित है, और इससे उन्हें भी प्रेरणा मिल रही है।
भारत के लिए गर्व का पल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा डिजिटल इंडिया मिशन को लेकर जोर दिया है।
यूपीआई की सफलता को दुनिया भर में भारत की टेक्नोलॉजी और नवाचार की मिसाल माना जा रहा है।
भारत में हर महीने 12 अरब से अधिक यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
अब जब फ्रांस जैसे विकसित देशों में भी यूपीआई की लोकप्रियता बढ़ रही है, तो यह भारत के डिजिटल आत्मनिर्भरता मॉडल की वैश्विक मान्यता का प्रमाण है।