




उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में किसानों की नाराजगी भड़क उठी है। किसानों का आरोप है कि एक दुकानदार ने उन्हें 1300 रुपये की खाद 1900 रुपये में बेची, जो बाद में नकली निकली। इस मामले ने स्थानीय किसानों में गहरा रोष पैदा कर दिया और उन्होंने तुरंत दुकान पर जाकर जमकर हंगामा किया। उनका कहना है कि नकली खाद के कारण उनकी फसल खराब होने का खतरा उत्पन्न हो गया है और इससे उनकी मेहनत और आय दोनों पर गंभीर असर पड़ेगा।
किसानों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उन्हें खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई और आपूर्ति में अनियमितताओं के बीच नकली खाद का बाजार में आना एक बड़ा झटका है। उन्होंने दुकानदार से शिकायत की, लेकिन दुकानदार ने मामले को नकारते हुए किसानों की नाराजगी और बढ़ा दी। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और आसपास के इलाके में अफरा-तफरी फैल गई।
सूचना मिलने पर एसडीएम और कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने किसानों की शिकायत सुनी और तत्काल जांच शुरू करने की बात कही। उन्होंने दुकानदार से भी मामले में सहयोग करने को कहा और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि नकली और मिलावटी खाद बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
किसानों ने अधिकारियों से मांग की कि नकली खाद बेचने वालों को न केवल दंडित किया जाए बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाए। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो नकली खाद से उनकी फसल को बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों तक केवल गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित खाद पहुंचे।
स्थानीय कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नकली खाद बाजार में आने से किसान की फसल की पैदावार प्रभावित होती है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है, बल्कि क्षेत्र में कृषि उत्पादन की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। विशेषज्ञों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वे सख्त निगरानी और नियमित जांच प्रणाली लागू करें ताकि नकली खाद की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।
इस घटना से यह भी स्पष्ट हो गया है कि किसानों को खाद और कृषि उत्पादों की उचित आपूर्ति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक हस्तक्षेप अत्यंत आवश्यक है। किसानों ने कहा कि अगर सरकार समय रहते कदम नहीं उठाती है तो भविष्य में यह समस्या और बढ़ सकती है।
हाथरस की यह घटना सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं है। राज्यभर में नकली और मिलावटी खाद की समस्या लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों की आय और कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस समस्या का समाधान केवल दुकानदारों पर कार्रवाई करने से नहीं होगा, बल्कि पूरे आपूर्ति तंत्र की निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करना होगा।
किसानों ने इस मौके पर एकजुट होकर प्रशासन से यह भी आग्रह किया कि खाद की कीमतों पर नियंत्रण रखा जाए और उन्हें उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध कराई जाए। उनका कहना है कि बिना उचित खाद के फसल की पैदावार घट सकती है और यह उनके जीवनयापन को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।
अधिकारियों ने किसानों से कहा कि वे मामले की पूरी जानकारी एकत्रित करें और जांच रिपोर्ट तैयार करने में सहयोग करें। इसके साथ ही, कृषि विभाग ने घोषणा की है कि नकली खाद के खिलाफ राज्यभर में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि किसान पहचान सकें कि कौन-सी खाद प्रमाणित है और कौन-सी नकली।
इस प्रकार, हाथरस में नकली खाद का मामला न केवल किसानों की नाराजगी का प्रतीक बना, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में गुणवत्ता नियंत्रण और आपूर्ति प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर करता है। इस मामले में प्रशासन की सक्रियता और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई ही किसानों का भरोसा बहाल कर सकती है और भविष्य में इस तरह की समस्याओं को रोक सकती है।