




भारतीय क्रिकेट टीम के चयन प्रक्रिया पर हाल ही में तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों को टीम में चुनना और किसी को बाहर करना केवल निर्णय लेने वालों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी क्रिकेट प्रणाली के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम है। इशांत शर्मा के अनुसार यह “थैंकलेस काम” है, क्योंकि चयन में किसी को शामिल करने या किसी को बाहर करने का निर्णय हमेशा विवादास्पद हो सकता है।
इशांत शर्मा ने स्पष्ट किया कि चयनकर्ता खिलाड़ियों की वर्तमान फॉर्म, फिटनेस, मानसिक स्थिति और टीम के सामूहिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए फैसले करते हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी चयनकर्ताओं को विरोधाभास और दुविधा का सामना करना पड़ता है। किसी खिलाड़ी को टीम में शामिल करना और किसी अन्य को बाहर करना व्यक्तिगत भावना के बजाय टीम की रणनीति और संतुलन पर आधारित होता है।
तेज गेंदबाज ने यह भी बताया कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, लेकिन हर निर्णय हमेशा सभी के लिए संतोषजनक नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं का काम केवल खिलाड़ियों की क्षमता को आंकना नहीं है, बल्कि टीम की सामूहिक जरूरतों और रणनीति के हिसाब से भी फैसला करना होता है। यही वजह है कि कभी-कभी बाहर होने वाले खिलाड़ी आलोचना का सामना करते हैं, जबकि चयनकर्ता के दृष्टिकोण से यह निर्णय टीम के हित में होता है।
इशांत ने यह भी साझा किया कि टीम में खेलते समय खिलाड़ियों को हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। चयन का निर्णय उनके प्रदर्शन, स्वास्थ्य और टीम की रणनीति पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि टीम में आने या बाहर होने की प्रक्रिया में हमेशा पेशेवर दृष्टिकोण बनाए रखना जरूरी है।
पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के अनुभवों को साझा करते हुए इशांत ने कहा कि कई बार चयन में सुधार और बदलाव की आवश्यकता होती है, ताकि टीम को लंबी अवधि में स्थिरता और सफलता मिल सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि चयन प्रक्रिया केवल आंकड़ों या हाल के प्रदर्शन पर आधारित नहीं होती, बल्कि खिलाड़ियों की मैच में योगदान देने की क्षमता, अनुभव और टीम के लिए संतुलन बनाने की योग्यता पर भी निर्भर करती है।
इशांत शर्मा ने युवा खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे चयन या बाहर होने की स्थिति में निराश न हों। उनका कहना था कि यह पेशेवर खेल का हिस्सा है और खिलाड़ियों को अपनी कड़ी मेहनत जारी रखनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि समय के साथ सभी खिलाड़ी अपने प्रदर्शन के आधार पर अवसर पा सकते हैं और टीम में स्थान बना सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इशांत का यह बयान टीम इंडिया के चयन प्रक्रिया की जटिलता और चुनौतीपूर्ण पक्ष को उजागर करता है। यह स्पष्ट करता है कि चयनकर्ताओं के लिए हर निर्णय आसान नहीं होता और उन्हें हमेशा टीम की रणनीति और सामूहिक संतुलन को ध्यान में रखना पड़ता है।
इशांत ने यह भी माना कि कभी-कभी चयन निर्णय आलोचना और विवाद का कारण बन सकते हैं, लेकिन चयनकर्ताओं का दृष्टिकोण हमेशा टीम के लंबे समय के हित में होता है। उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ी और फैंस दोनों को समझना चाहिए कि चयन और बाहर होने की प्रक्रिया पेशेवर खेल का हिस्सा है और इसमें व्यक्तिगत भावना का ज्यादा प्रभाव नहीं होता।
इसके अलावा, इशांत शर्मा ने चयन प्रक्रिया में सुधार के सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को अधिक पारदर्शी और स्पष्ट संचार के माध्यम से खिलाड़ियों को निर्णय की वजह बतानी चाहिए। इससे खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति मजबूत रहती है और वे अपनी अगली तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
अंततः, इशांत शर्मा के इस बयान ने टीम इंडिया के चयन प्रक्रिया के प्रति समझ बढ़ाई है और खिलाड़ियों एवं फैंस दोनों को यह संदेश दिया है कि चयन केवल आंकड़े और प्रदर्शन का मामला नहीं, बल्कि रणनीति, संतुलन और टीम के हित में लिया गया कठिन निर्णय है। उनकी राय में, यह थैंकलेस काम है, लेकिन टीम के लिए जरूरी है।
इस प्रकार, इशांत शर्मा ने न केवल चयन प्रक्रिया की कठिनाइयों पर प्रकाश डाला बल्कि खिलाड़ियों और फैंस के लिए सकारात्मक संदेश भी दिया कि पेशेवर खेल में निर्णय हमेशा चुनौतीपूर्ण होते हैं और सभी को इसके प्रति धैर्य और समझ बनाए रखना चाहिए।