




भारत दौरे पर आए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। यह बैठक दोनों देशों के बीच जारी मजबूत और व्यापक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के मकसद से आयोजित की गई थी। इस दौरान डिफेंस, ट्रेड, साइबर सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक रणनीतिक सहयोग जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने इस अवसर पर कहा कि अमेरिका और भारत के रिश्ते केवल आर्थिक और व्यापारिक नहीं हैं, बल्कि यह एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का उदाहरण हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करना उनकी प्राथमिकता है। भारत में उनके दौरे का मकसद भी यही है कि अमेरिका-भारत सहयोग की दिशा में नई पहल और अवसर तलाशे जाएं।
बैठक के दौरान, अजीत डोभाल और सर्जियो गोर ने वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर भी विचार साझा किया। खासकर दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों की भूमिका, आतंकवाद और साइबर खतरों का मुकाबला करने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और अमेरिका को आपसी रणनीतिक सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा के मुद्दों को और प्रभावी ढंग से हल करना चाहिए।
डिफेंस क्षेत्र में हुई बातचीत में दोनों पक्षों ने नए हथियार और सुरक्षा उपकरणों की साझेदारी, मिलिट्री एक्सरसाइज, और तकनीकी सहयोग पर चर्चा की। अजीत डोभाल ने इस अवसर पर भारत की सुरक्षा प्राथमिकताओं को भी स्पष्ट किया और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों का रक्षा सहयोग स्थायी और पारदर्शी होना चाहिए। अमेरिकी राजदूत ने इसके जवाब में कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने के लिए तैयार है।
व्यापार और आर्थिक सहयोग पर भी बैठक में ध्यान केंद्रित किया गया। सर्जियो गोर ने भारतीय निवेशकों और उद्यमियों के लिए अमेरिकी बाजार में नए अवसरों के बारे में जानकारी साझा की। वहीं, अजीत डोभाल ने अमेरिका के साथ निर्यात, ऊर्जा और तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए रणनीति पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने यह भी माना कि व्यापार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग केवल आर्थिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बैठक के दौरान यह भी चर्चा हुई कि दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है। अजीत डोभाल और सर्जियो गोर ने साइबर खतरों, डेटा सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय साइबर नीति पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल युग में भारत और अमेरिका को एक-दूसरे के अनुभव और तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सर्जियो गोर अपने भारत दौरे के दौरान कई राज्यों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों का दौरा कर रहे हैं। उनका मकसद केवल राजनयिक बातचीत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे स्थानीय उद्योगों, स्टार्टअप इकोसिस्टम और रक्षा संस्थानों से भी जुड़े हुए हैं। यह दौरा दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग की नई दिशा को स्पष्ट करता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर भी विचार किया। खासकर संयुक्त राष्ट्र और G20 जैसे फोरम में भारत-अमेरिका सहयोग को और प्रभावी बनाने के तरीकों पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने वैश्विक शांति, स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
इस मुलाकात के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकती है। डिफेंस, ट्रेड और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में यह सहयोग न केवल दोनों देशों के हित में है, बल्कि पूरे एशिया और वैश्विक स्तर पर स्थिरता और सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा।
राजनयिक सूत्रों के अनुसार, अजीत डोभाल और सर्जियो गोर के बीच हुई यह बैठक दोनों देशों के संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में इन बैठकों का असर द्विपक्षीय समझौतों, नई व्यापार योजनाओं और रक्षा सहयोग पर दिखाई देगा।
इस दौरे के माध्यम से अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका भारत को एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है। वहीं, अजीत डोभाल ने यह सुनिश्चित किया कि भारत के सुरक्षा, आर्थिक और सामरिक हितों की रक्षा पूरी तरह से प्राथमिकता में रहे।