इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

बॉलीवुड की पूर्व एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। अपने फिल्मी करियर के दौरान उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, लेकिन अचानक इंडस्ट्री से गायब हो गईं। अब लगभग 25 साल बाद भारत लौटने के बाद वह लगातार मीडिया और जनता के ध्यान में हैं। इस बार उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसने सुर्खियों में नया बहस का मुद्दा खड़ा कर दिया है।
ममता कुलकर्णी ने कहा कि दाऊद इब्राहिम आतंकवादी नहीं है। उनका कहना है कि इब्राहिम ने किसी बम ब्लास्ट या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम नहीं दिया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मीडिया और इतिहास ने उन्हें आतंकवादी के रूप में पेश किया है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है।
उनके इस बयान ने सोशल मीडिया और मीडिया हाउसों में बहस को जन्म दिया। लोग अलग-अलग विचार साझा कर रहे हैं, कुछ उनका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ उनके बयान की निंदा कर रहे हैं।
ममता कुलकर्णी का कहना है कि उनका बयान किसी भी तरह से अपराधियों की भूमिका को सही ठहराने के उद्देश्य से नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मकसद केवल तथ्यों को उजागर करना और मीडिया की प्रस्तुतियों पर सवाल उठाना है। उन्होंने कहा,
“मैंने कभी भी अपराधियों के कार्यों को सही नहीं ठहराया। मेरा यह कहना है कि दाऊद इब्राहिम ने सीधे तौर पर किसी बम ब्लास्ट में भाग नहीं लिया। उसे आतंकवादी बताना पूर्ण रूप से मीडिया की कल्पना हो सकती है।”
बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के बीच लंबे समय से जुड़ी कहानियों और अफवाहों ने ममता कुलकर्णी को लगातार चर्चा में बनाए रखा। उनके फिल्मी करियर की सफलता और अचानक इंडस्ट्री से गायब होना उन्हें हमेशा मीडिया फोकस में रखता रहा है। भारत लौटने के बाद उनके बयान और इंटरव्यू अक्सर विवादित रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ममता कुलकर्णी का यह बयान न केवल अंडरवर्ल्ड की दुनिया को लेकर बहस को जन्म देगा बल्कि राजनीतिक और मीडिया जगत में भी हलचल मचा सकता है। देश में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में अलग-अलग विचार और मान्यताएं हैं। इस प्रकार का बयान सोशल मीडिया पर तेज प्रतिक्रिया ला सकता है और विभिन्न समुदायों में चर्चा बढ़ा सकता है।
कुछ कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ममता कुलकर्णी का यह बयान व्यक्तिगत दृष्टिकोण है, लेकिन यह मामला कानून और सार्वजनिक राय के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती पेश कर सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि मीडिया को इस पर जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करनी होगी, ताकि किसी तरह की गलतफहमी या अफवाह फैलने से रोका जा सके।
ममता कुलकर्णी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान किसी भी तरह से समाज में आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता को कम नहीं करता। उनका कहना है कि उन्होंने केवल तथ्यों के आधार पर अपनी राय दी है और इसका उद्देश्य किसी भी तरह के अपराध को बढ़ावा देना नहीं है।
इस बयान के बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #MamtaKulkarni और #DawoodIbrahim जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। बॉलीवुड फैंस, मीडिया एनालिस्ट और आम जनता इस पर अपनी-अपनी राय साझा कर रहे हैं। कुछ लोग उनके साहस की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ इसे विवादास्पद और असंवेदनशील मान रहे हैं।
ममता कुलकर्णी की यह प्रतिक्रिया यह भी दर्शाती है कि बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड के बीच जुड़ी कहानियों पर हमेशा जनता और मीडिया की नजर रहती है। उनके बयान ने यह साबित कर दिया कि उनके विचार आज भी चर्चा का विषय बन सकते हैं और यह उनकी मीडिया में उपस्थिति को लगातार बनाए रखता है।








