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क्रिकेट के इतिहास में भारत ने कई बार विश्व कप में धमाल मचाया है, लेकिन प्लेयर ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड की बात करें तो केवल चार ही भारतीय खिलाड़ियों ने यह खिताबी गौरव अपने नाम किया है। इस लिस्ट में नामी खिलाड़ियों के होते हुए भी कई दिग्गज खिलाड़ी जैसे एमएस धोनी और रोहित शर्मा शामिल नहीं हैं। यह सूची दर्शाती है कि इस अवॉर्ड को जीतना कितनी बड़ी उपलब्धि है और खिलाड़ियों के लिए यह कितनी सम्मानजनक बात होती है।
महिला क्रिकेट की दुनिया में भारत ने हाल ही में इतिहास रचते हुए पहली बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता। फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भारत की महिला टीम ने 25 साल बाद नया चैंपियन बनकर विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान मजबूत की। इस जीत में टीम की कप्तान और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत का योगदान रहा।
वर्ल्ड कप इतिहास में भारत की ओर से प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड जीतने वाले चार खिलाड़ी हैं। इसमें सबसे पहले नाम आता है सचिन तेंदुलकर का। ‘क्रिकेट का भगवान’ कहे जाने वाले सचिन ने 2003 वर्ल्ड कप में अपनी अद्भुत बल्लेबाजी से यह खिताब जीता। उनके शानदार प्रदर्शन ने भारत को उस टूर्नामेंट में फाइनल तक पहुँचाया।
इसके बाद विराट कोहली का नाम आता है। विराट ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी से सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने 2014 और 2016 में अपने शानदार प्रदर्शन के चलते कई मैचों में टीम को जीत दिलाई और प्लेयर ऑफ द सीरीज का सम्मान अपने नाम किया।

महिला क्रिकेट में दीप्ती शर्मा ने 2017 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में अहम योगदान दिया। उनके गेंदबाजी और बल्लेबाजी की वजह से भारत की टीम ने कई महत्वपूर्ण मुकाबले जीतने में सफलता पाई। यह अवॉर्ड जीतने वाली पहली महिला भारतीय खिलाड़ी बनकर दीप्ती ने नया इतिहास रचा।

चौथे खिलाड़ी के रूप में नाम आता है मोहम्मद अजहरुद्दीन का, जिन्होंने 1987 वर्ल्ड कप में अपने शानदार प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाने में मदद की। उनका अनुभव और खेल के प्रति समर्पण भारत की जीत का कारण बना।
इस सूची में एमएस धोनी और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज शामिल नहीं हैं, यह सुनकर कुछ क्रिकेट प्रेमियों को आश्चर्य हो सकता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है। कई बार खिलाड़ी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं लेकिन मैचों में व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर अवॉर्ड किसी और खिलाड़ी को मिलता है।
भारत के लिए यह चार खिलाड़ियों की उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सम्मान ही नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए गौरव की बात भी है। यह दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट में टैलेंट की कोई कमी नहीं है और खिलाड़ियों के समर्पण और मेहनत का फल उन्हें बड़ी उपलब्धियों के रूप में मिलता है।
वर्ल्ड कप की ये कहानियाँ नए खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट टीम नए सितारे पैदा करेगी और यह लिस्ट और लंबी होने की संभावना है। इतिहास में यह चार खिलाड़ी हमेशा याद किए जाएंगे, जिन्होंने भारत के लिए वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द सीरीज का सम्मान जीतकर क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






