




बोफा सिक्योरिटीज के हाल ही में कराए गए एक सर्वे में भारत जापान और चीन जैसे देशों को पीछे छोड़ते हुए एशिया पैक रीजन (एशिया प्रशांत क्षेत्र) का सबसे फेवरेट शेयर बाजार बन गया है.
भारत एशिया का सबसे पसंदीदा शेयर मार्केट बनकर उभरा है. बैंक ऑफ अमेरिका एशिया फंड मैनेजर (Bofa) की एक सर्वे के मुताबिक, इस मामले में जापान को भी पीछे छोड़ते हुए भारत सबसे पसंदीदा शेयर बाजार बन गया है. इस सर्वे में 42 परसेंट निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार पर ज्यादा भरोसा दिखाया. जबकि 39 परसेंट निवेशकों ने जापान में अपनी दिलचस्पी दिखाई. भारत के इस नतीजे के पीछे टैरिफ के प्रभाव के बाद बढ़ती सप्लाई चेन और कोरोना महामारी के बाद बाजार में निवेशकों का पुनर्संतुलन है.
इन दो चीजों पर है निवेशकों की नजर
बोफा ने अपने सर्वे में कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर और कंजप्शन ये दो चीजें हैं जिस पर निवेशक नजर रखे हुए हैं. हालांकि, सर्वे में कुज 59 परसेंट निवेशकों ने माना कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था बनी रहेगी, जबकि पिछले महीने 82 परसेंट लोगों का ऐसा मानना था. जहां पहले एशियाई मार्केट की कमजोरी की आशंका 89 परसेंट लोगों ने जताई थी, वह अब घटकर 77 परसेंट हो गया है.
सर्वे में इतने प्रतिभागी हुए शामिल
2 से 8 मई, 2025 के बीच बोफा के इस फंड मैनेजर सर्वे में 208 ऐसे ग्लोबल पैनालिस्ट ने भाग लिया, जिनका नेट वर्थ 522 बिलियन डॉलर है. इनमें से 458 बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले कुल 174 प्रतिभागियों ने ग्लोबल FMS सेगमेंट में अपने जवाब दिए, जबकि 234 बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले 109 पेनालिस्ट ने रीजनल एशिया पैक सेगमेंट में जवाब दिया. सर्वे में यह बात खुलकर सामने आई कि चीन के शेयर बाजार में भारत और जापान के मुकाबले काफी कम मात्र 6 परसेंट निवेशकों की दिलचस्पी है. जबकि सबसे बुरा हाल थाइलैंड का है.
भारतीय शेयर बाजार का शानदार प्रदर्शन
बता दें कि पिछले एक महीने में भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 ने अपने दूसरे एशियाई समकक्षों के मुकाबले बेहतरीन परफॉर्मेंस किया है. सेंसेक्स में भी बीते एक महीने में 4000 अंक का उछाल देखने को मिला है. कंपनियों की तिमाही नतीजे शानदार रहे.
भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. हाल ही में आईएमएफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 के अंत तक भारत जापान को पछाड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी. ऐसी कई सारी वजहें हैं जिससे निवेशकों की भारतीय इक्विटी मार्केट में दिलचस्पी बढ़ी है.