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    भारत की तकदीर बदलने निकले MSMEs, 23,000 करोड़ की स्कीम में दिखाई जबरदस्त दिलचस्पी।

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    ECMS स्कीम ने मचाई धूम, 15 दिन में मिले 70 आवेदन।

    भारत सरकार की नई Electronic Components Manufacturing Scheme (ECMS) को लॉन्च हुए महज 15 दिन हुए हैं और इतने कम समय में 70 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इंडस्ट्री से मिली यह सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाती है कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का भविष्य उज्जवल है।

    MSME सेक्टर बना गेमचेंजर
    १. प्राप्त आवेदनों में से 80% आवेदन MSME सेक्टर से आए हैं।
    २. यह स्पष्ट संकेत है कि भारत का लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र अब केवल सर्विस सेक्टर तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि उच्च तकनीकी मैन्युफैक्चरिंग में भी कदम बढ़ा रहा है।
    ३. MSMEs अब “मेक इन इंडिया” के मजबूत स्तंभ बनते जा रहे हैं।

    बड़े ब्रांड्स भी दौड़ में शामिल
    १. हालांकि सरकार ने अभी आधिकारिक नामों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन Tata Electronics, Foxconn, और Dixon Technologies जैसी दिग्गज कंपनियों ने स्कीम में रुचि दिखाने की पुष्टि की है।
    २. इसका मतलब यह है कि यह योजना बड़े और छोटे, दोनों प्रकार की कंपनियों को आकर्षित कर रही है।

    2030 तक आयात से बचने की रणनीति
    १. Elcina (Electronic Industries Association of India) के अनुसार, यदि आज से कदम नहीं उठाए गए तो भारत को 2030 तक 248 अरब डॉलर (21 लाख करोड़ रुपये) के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स आयात करने पड़ सकते हैं।
    २. ECMS स्कीम का मकसद है भारत को इस आयात निर्भरता से मुक्त करना और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देना।

    स्कीम की लागत और वितरण
    सेक्टर                               आवंटन (₹ करोड़ में)
    सब-असेंबली उत्पाद           ₹21,093 करोड़
    मशीनें व उपकरण              ₹1,712 करोड़
    कुल                                    ₹22,805 करोड़

    प्रमुख कंपोनेंट्स:
    मल्टी-लेयर्ड PCB
    फ्लेक्सिबल PCB
    कैमरा मॉड्यूल
    पैसिव और नॉन-SMD कंपोनेंट्स

    स्कीम की कैटेगरीज और आवेदन की समयसीमा
    कैटेगरी                                   उत्पाद                            आवेदन की समय-सीमा
    A                                डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल                    1 मई से 3 महीने
    B                                बैटरी, नॉन-SMD कंपोनेंट               1 मई से 3 महीने
    C                                फ्लेक्सिबल PCB, पैसिव                  1 मई से 3 महीने
    D                               संबंधित कैपिटल गुड्स                     2 साल तक खुले

    भारत को टेक मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम
    १. ECMS योजना भारत को सिर्फ एक इलेक्ट्रॉनिक बाजार नहीं बल्कि निर्माण केंद्र में बदलने का विजन रखती है।
    २. MSMEs की भागीदारी से रोज़गार के अवसर, स्थानीय तकनीकी विकास, और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

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