




अप्रैल के मुकाबले संग्रहण में गिरावट, लेकिन सालाना आधार पर 16.4% की जबरदस्त वृद्धि; घरेलू और आयात लेनदेन में तेजी।
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मई 2025 के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रहण के आंकड़े जारी कर दिए हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस महीने सरकार को ₹2.01 लाख करोड़ की रिकॉर्ड GST कमाई हुई है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 16.4% अधिक है, हालांकि अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा ₹2.37 लाख करोड़ था, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर था।
केंद्र और राज्यों को मिला कितना राजस्व?
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में:
१. केंद्र सरकार को प्राप्त हुआ: ₹35,434 करोड़
२. राज्य सरकारों को मिला: ₹43,902 करोड़
३. IGST (इंटीग्रेटेड GST): ₹1.09 लाख करोड़
४. उपकर (Cess): ₹12,879 करोड़
इस आंकड़े से स्पष्ट है कि आर्थिक गतिविधियों में निरंतर सुधार हो रहा है और देश का कर ढांचा सशक्त होता जा रहा है।
घरेलू और आयात लेनदेन में वृद्धि
१. घरेलू लेनदेन से प्राप्त GST: ₹1.50 लाख करोड़ (13.7% वृद्धि)
२. आयात से प्राप्त GST: ₹51,266 करोड़ (25.2% वृद्धि)
इससे यह साफ है कि घरेलू खपत और आयात — दोनों में ही उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो कर संग्रहण को गति दे रहे हैं।
रिफंड में आई मामूली गिरावट
१. मई 2025 में जारी किया गया GST रिफंड: ₹27,210 करोड़
२. सालाना आधार पर रिफंड में 4% की गिरावट
३. नेट GST कलेक्शन (रिफंड घटाकर): ₹1.74 लाख करोड़ (20.4% सालाना वृद्धि)
राज्यवार प्रदर्शन: किन राज्यों ने मारी बाज़ी?
१. महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में GST संग्रहण में 17% से 25% तक की वृद्धि देखी गई।
२. गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में वृद्धि केवल 6% रही।
३. मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में औसतन 10% वृद्धि दर्ज की गई।
इससे यह संकेत मिलता है कि कुछ राज्य तेजी से आर्थिक गति पकड़ रहे हैं, जबकि कुछ राज्यों की रिकवरी अभी धीमी बनी हुई है।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ रहा GST कलेक्शन केंद्र और राज्य सरकारों को अधिक विकास फंड देने में मदद करेगा। साथ ही इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने का रास्ता भी साफ होगा।
टैक्स बेस और अनुपालन में सुधार
वित्त मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह आंकड़ा सिर्फ आर्थिक रिकवरी नहीं बल्कि कर अनुपालन और प्रशासन की दक्षता को भी दर्शाता है। डिजिटल प्रणाली, GST पोर्टल की मजबूती और ई-इनवॉयस जैसी तकनीकों से पारदर्शिता और कुशलता में सुधार हुआ है।
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