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    जैविक खेती के साथ तैयार हो रहा किसानों की समृद्धि का खाका, बदल रही ग्रामीण भारत की तस्वीर।

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    जैविक खेती के साथ तैयार हो रहा किसानों की समृद्धि का खाका, बदल रही ग्रामीण भारत की तस्वीर।

    नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद का दावा है कि कंपनी ग्रामीण भारत में कृषि आधारित एक ऐसा क्रांतिकारी मॉडल विकसित कर रही है, जो किसानों की समृद्धि को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल रहा है। पतंजलि के अनुसार, ‘किसान समृद्धि कार्यक्रम’ के जरिए जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों की आय में इजाफा हो रहा है और पर्यावरण को भी संरक्षित किया जा रहा है।

    क्या है पतंजलि का मॉडल?
    कंपनी का कहना है कि मध्य प्रदेश के मऊगंज जैसे क्षेत्रों में बंजर और ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। इस मॉडल के तहत:
    १. फसल विविधीकरण को बढ़ावा
    २. कृषक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना
    ३. प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण

    किसानों को जैविक खाद, उच्च गुणवत्ता वाले बीज, और कीट नियंत्रण के आधुनिक उपाय निःशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं। इसका सीधा लाभ यह हुआ है कि उनकी उत्पादन लागत घटी है और फसल की गुणवत्ता में बड़ा सुधार आया है।

    बिचौलियों को हटाकर सीधे खरीदी
    पतंजलि ने अपने मॉडल में बिचौलियों की भूमिका समाप्त कर दी है। कंपनी सीधे किसानों से उनकी उपज खरीद रही है, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल रहा है। यह निष्पक्ष व्यापार (Fair Trade) को बढ़ावा देता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।

    साथ ही, पतंजलि डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ावा दे रही है ताकि किसान बाजार की जानकारी और संसाधनों तक डिजिटल माध्यम से आसानी से पहुंच सकें।

    सतत कृषि को बढ़ावा
    कंपनी का यह प्रयास मिट्टी की उर्वरता को पुनर्स्थापित करने और जल उपयोग को कम करने पर भी केंद्रित है।
    पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाकर पतंजलि दीर्घकालिक रूप से सतत कृषि (Sustainable Agriculture) को बढ़ावा दे रही है, जिससे ग्रामीण समुदायों को स्थायी लाभ मिल रहा है।

    इसके अलावा, मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में औद्योगिक पार्क की स्थापना और रोजगार सृजन की योजनाएं इस मॉडल को और अधिक प्रभावी बना रही हैं।

    ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर
    पतंजलि ने दावा किया है कि यह मॉडल ग्रामीण भारत में सामूहिक विकास की भावना को मजबूत कर रहा है।
    १. किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है
    २. कौशल विकास और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं
    ३. स्थानीय स्तर पर नौकरियों का सृजन किया जा रहा है
    इसके चलते ग्रामीण इलाकों में आर्थिक और सामाजिक बदलाव की नई लहर देखने को मिल रही है।

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