




“केरल में आपात लैंडिंग के बाद ब्रिटिश स्टेल्थ फाइटर जेट F-35B 7 दिनों से खड़ा, तकनीकी खराबी बनी चुनौती; भारत-यूके सैन्य तालमेल की भी हो रही समीक्षा”
तिरुवनंतपुरम (केरल): ब्रिटिश रॉयल नेवी का अत्याधुनिक स्टेल्थ फाइटर जेट F-35B Lightning II बीते 14 जून की रात को आपात स्थिति में केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा था। अब 7 दिन बीत जाने के बाद भी यह विमान उड़ान नहीं भर सका है, जिससे यह मामला तकनीकी और सामरिक स्तर पर गहराई से जांच का विषय बन गया है।
हाइड्रोलिक खराबी बनी रुकावट
जानकारी के अनुसार, यह जेट ब्रिटेन के विमानवाहक पोत HMS Prince of Wales से नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था। ईंधन की कमी के चलते इसे भारत के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में आपात स्थिति में लैंडिंग करनी पड़ी। सुरक्षित लैंडिंग के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना ने आवश्यक ईंधन और तकनीकी सहायता प्रदान की।
लेकिन इसके बाद, विमान की हाइड्रोलिक प्रणाली में खराबी सामने आई, जिसके कारण उड़ान संभव नहीं हो सकी।
मरम्मत के लिए ब्रिटिश तकनीकी टीम सक्रिय
ब्रिटिश नौसेना की तकनीकी टीम को मरम्मत के लिए तुरंत भेजा गया, लेकिन वे समस्या हल करने में असफल रहे। अब ब्रिटेन से एक बड़ी तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को केरल भेजने की योजना बनाई गई है।
यदि तकनीकी समस्या स्थल पर हल नहीं हो पाती, तो संभावना है कि इस स्टेल्थ जेट को सैन्य कार्गो विमान के जरिए ब्रिटेन वापस ले जाया जा सकता है।
ईंधन और उड़ान की अनुमति का इंतजार
तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, विमान में ईंधन भरने और उड़ान से पूर्व की अन्य औपचारिकताओं के लिए भारत सरकार की तकनीकी मंजूरी आवश्यक है, जिस पर प्रक्रिया जारी है।
भारत-ब्रिटेन सैन्य सहयोग पर भी नजरें
इस घटना ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, आपात प्रबंधन और तकनीकी साझेदारी पर भी ध्यान केंद्रित कर दिया है। भारत और ब्रिटेन के रक्षा अधिकारी इस संवेदनशील स्थिति को सामंजस्य और पारदर्शिता के साथ संभालने में जुटे हुए हैं।
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