




जयपुर:
राजस्थान की धरती एक बार फिर अपने संस्कार और सांस्कृतिक मूल्यों का गौरवपूर्ण प्रदर्शन कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने ‘वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना’ शुरू की है — एक ऐसी योजना जो न केवल संस्कारों का ऋण चुकाने की भावना को दर्शाती है, बल्कि सेवा, आदर और सम्मान की मिसाल भी पेश करती है।

पूर्वजों के प्रति कर्तव्य की प्रेरणा
इस योजना के माध्यम से, राजस्थान के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, जो आयकरदाता नहीं हैं, उन्हें निःशुल्क तीर्थ यात्रा का अवसर दिया जा रहा है। यह पहल एक ऐतिहासिक सामाजिक उत्तरदायित्व को साकार करती है — अपने बुजुर्गों को सम्मान देना और उन्हें जीवन के उत्तरार्ध में आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराने का अवसर देना।
यात्रा का खर्च सरकार वहन करेगी
इस योजना के अंतर्गत यात्रा, भोजन, ठहरने और अन्य आवश्यक सुविधाओं का पूर्ण खर्च राजस्थान सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। योजना में यात्रियों को ट्रेन और बस दोनों माध्यमों से यात्रा कराने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संदेश
मुख्यमंत्री ने इस योजना को राजस्थान की परंपराओं से जोड़ते हुए कहा,
“हर पीढ़ी अपने पूर्वजों के प्रति एक ऋण महसूस करती है। यह योजना उस ऋण को चुकाने का एक विनम्र प्रयास है। हम चाहते हैं कि हमारे बुजुर्ग अपने जीवन की संध्या में भी सम्मानित महसूस करें और आध्यात्मिक सुख प्राप्त करें।”
#आपणो_अग्रणी_राजस्थान
राज्य सरकार की यह पहल सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक संवेदनशील नेतृत्व और सांस्कृतिक चेतना का परिचायक है। यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि राजस्थान केवल विकास में अग्रणी नहीं, बल्कि मानवता और मूल्यों के संरक्षण में भी अग्रणी बना रहे।