




भारतीय फैशन इंडस्ट्री में अगर किसी नाम ने पारंपरिक और आधुनिकता के बीच संतुलन बिठाने में सफलता पाई है, तो वह है कुनाल रावल। लंबे समय से मेंसवियर (Menswear) डिजाइनिंग और स्टाइलिंग में अपनी अलग पहचान बनाने वाले कुनाल ने हाल ही में अपने विचार साझा किए। उनका मानना है कि फैशन केवल ट्रेंड फॉलो करने का नाम नहीं है, बल्कि यह किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान, आत्मविश्वास और आराम से जुड़ा होना चाहिए।
उन्होंने कहा— “हर चुनाव ऐसा होना चाहिए जो व्यक्तिगत लगे, न कि ऐसा लगे जैसे कपड़े किसी मैनिक्विन के लिए चुने गए हों।”
डीकंस्ट्रक्टेड शेरवानी: परंपरा और आधुनिकता का मेल
कुनाल रावल की खासियत रही है कि उन्होंने भारतीय पारंपरिक परिधान को एक नया मोड़ दिया। खासकर डीकंस्ट्रक्टेड शेरवानी (Deconstructed Sherwani) को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।
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आज के समय में शादियों और बड़े अवसरों पर युवा उसी पुराने स्टाइल की भारी-भरकम शेरवानी पहनने से बचते हैं।
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वे कुछ ऐसा चाहते हैं जो पारंपरिक भी लगे और आधुनिक भी।
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कुनाल ने इसी जरूरत को समझते हुए शेरवानी को हल्के फैब्रिक, सरल कट्स और फ्यूज़न स्टाइलिंग के साथ पेश किया।
उनका कहना है कि आज का युवा सुविधा और स्टाइल का मिश्रण चाहता है। ऐसे में यह शेरवानी एक परफ़ेक्ट उदाहरण है कि फैशन को कैसे समय के साथ बदला और प्रासंगिक बनाया जा सकता है।
म्यूटेड टोन और मिनिमलिज़्म की ओर झुकाव
आज के समय में जहां महिलाएं चमकीले और बोल्ड रंगों के साथ प्रयोग करती हैं, वहीं पुरुषों का झुकाव अब म्यूटेड टोन (Muted Tones) की ओर ज्यादा बढ़ रहा है।
कुनाल रावल बताते हैं कि ग्रे, बेज, ब्लैक, ऑफ-व्हाइट और पेस्टल शेड्स न केवल क्लासी दिखते हैं बल्कि इन्हें हर मौके पर आसानी से कैरी किया जा सकता है।
उनके अनुसार—
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म्यूटेड टोन के कपड़े लंबे समय तक प्रासंगिक रहते हैं,
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इनका कॉम्बिनेशन आसान होता है,
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और यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को सहजता से निखारते हैं।
स्टाइलिंग हैक्स जो हर पुरुष को जानने चाहिए
कुनाल ने पुरुषों के लिए कुछ आसान लेकिन कारगर स्टाइलिंग टिप्स भी साझा किए, जिन्हें अपनाकर कोई भी अपने लुक को निखार सकता है।
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लेयरिंग का महत्व – एक सिंपल शर्ट या कुर्ते को जैकेट, हल्की शेरवानी या स्टोल के साथ लेयर करने से लुक तुरंत खास बन जाता है।
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एक्सेसरीज़ का चयन – ज्यादा आभूषण या भारी एक्सेसरीज़ की बजाय मिनिमल ब्रोच, घड़ी या पॉकेट स्क्वेयर काफी हैं।
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सही फिटिंग – चाहे कपड़े कितने ही महंगे हों, अगर फिट सही नहीं है तो पूरा लुक बिगड़ जाता है।
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फुटवियर का तालमेल – अच्छे कपड़े तभी पूरी तरह असर छोड़ते हैं जब उनके साथ फुटवियर का चुनाव सही हो।
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कम्फर्ट को प्राथमिकता – फैशन कभी भी असुविधाजनक नहीं होना चाहिए। कपड़े उतने ही अच्छे हैं जितना आप उन्हें पहनकर आत्मविश्वास महसूस करें।
पर्सनल स्टाइल की अहमियत
कुनाल रावल का सबसे बड़ा संदेश यह है कि फैशन को कभी भी कॉपी नहीं करना चाहिए। हर इंसान की पर्सनैलिटी, बॉडी टाइप और कम्फर्ट अलग होता है। ऐसे में फैशन भी व्यक्ति-विशेष होना चाहिए।
उन्होंने कहा—
“कपड़े कभी भी शोकेस या मैनिक्विन के लिए नहीं होने चाहिए। वे आपकी अपनी पहचान और आपके आत्मविश्वास को दर्शाने चाहिए। फैशन तभी सार्थक है जब वह व्यक्तिगत महसूस हो।”
निष्कर्ष
कुनाल रावल के विचार भारतीय फैशन जगत के लिए एक अहम सीख हैं। उन्होंने साफ कहा कि पुरुषों को फैशन को लेकर आत्मविश्वासी होना चाहिए और हर चुनाव व्यक्तिगत लगना चाहिए।
उनका डीकंस्ट्रक्टेड शेरवानी का कांसेप्ट, म्यूटेड टोन का इस्तेमाल और मिनिमलिज़्म पर जोर, यह सब दर्शाता है कि फैशन केवल बाहरी दिखावे का नहीं बल्कि असली पहचान को उभारने का जरिया है।
आज जब दुनिया तेजी से बदल रही है और युवा अपनी अलग पहचान बनाने में विश्वास रखते हैं, तो कुनाल का यह मंत्र और भी प्रासंगिक हो जाता है—
“फैशन को अपने लिए जियो, न कि दूसरों को दिखाने के लिए।”