




जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हाल ही में हुए भीषण आतंकवादी हमले से पूरा देश हिल गया है। इसके बाद भारत सरकार ने विभिन्न स्तरों पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। इस कार्रवाई का असर पाकिस्तानी कलाकारों की डिजिटल उपस्थिति पर भी देखा जा रहा है।
मशहूर पाकिस्तानी गायक आतिफ असलम का यूट्यूब अकाउंट भारत में ब्लॉक कर दिया गया है। इसके अलावा उनका इंस्टाग्राम अकाउंट भी भारत में दिखाई नहीं देगा। यह कदम निश्चित रूप से उनके लाखों भारतीय प्रशंसकों के लिए चौंकाने वाला है। आतिफ असलम से पहले भी उनके गानों पर भारत में अनौपचारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालाँकि, इस बार सोशल मीडिया तक सीधे पहुंच पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पहलगाम आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। इस घटना को बहुत ही क्रूर तरीके से अंजाम दिया गया। इस भयावह घटना के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई है। नागरिक, सामाजिक संगठन और राजनीतिक नेता मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध
इस आक्रोश के मद्देनजर केंद्र सरकार ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाया है। हनिया आमिर, माहिरा खान, आयजा खान, सनम सईद, इकरा अजीज जैसी लोकप्रिय अभिनेत्रियों और सोशल मीडिया प्रभावितों के इंस्टाग्राम अकाउंट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है और अब आतिफ असलम का अकाउंट भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। ये सभी कलाकार भारत में भी लोकप्रिय थे, लेकिन अब भारतीय उपयोगकर्ताओं की इनके कंटेंट तक पहुंच नहीं है।
आतिफ असलम का बॉलीवुड में योगदान
आतिफ असलम ने अपने संगीत करियर की शुरुआत 2002 में बैंड ‘जल‘ से की थी। उनका गाना ‘आदत‘ पाकिस्तान और भारत में बहुत हिट हुआ। इसके बाद उन्होंने ‘वो लम्हे‘, ‘पहली नजर में‘, ‘तेरा होने लगा हूं‘, ‘तू जाने ना‘, ‘जीना जीना‘, ‘दिल दिया गल्ला‘ जैसे कई सुपरहिट हिंदी गाने दिए। उनकी आवाज़ विशेष रूप से अपनी रूमानियत के लिए जानी जाती है।
भारतीय मनोरंजन जगत में पाकिस्तानी कलाकारों पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा हुआ है।
2016 में उरी हमले के बाद भी भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया गया था। फवाद खान और माहिरा खान जैसे कलाकारों को भारत में काम मिलना बंद हो गया। यहां तक कि पहलगाम हमले के मद्देनजर भी ये सख्त कदम उठाए गए हैं।