




दो हफ्ते के अंदर ही पाकिस्तान के शेयर बाजार में करीब 7500 अंकों की भारी गिरावट दिखी. Luck, Engroh और UBL के शेयर इस गिरावट में आंधी की तरह उड़ गए.
भारतीय सेना के तीनों अंगों की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया. बुधवार को भारतीय सेना के इस एक्शन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया. ये हमला उस पहलगाम अटैक के जवाब में था, जिसमें 26 भारतीय टूरिस्ट को गोली मार दी गई थी और इसका कनेक्शन सीधा पाकिस्तान से जुड़ा निकलकर आया था.
इसके बाद पाकिस्तान का शेयर बाजार बुरी तरह से लड़खड़ा गया. दो हफ्ते के अंदर ही इंडेक्स में करीब 7500 अंकों की भारी गिरावट दिखी और Luck, Engroh और UBL के शेयर इस गिरावट में आंधी की तरह उड़ गए. इधर, भारतीय शेयर बाजार दोनों देशों के तनाव के बावजूद मजबूती से खड़ा रहा.
हमले के बाद कैसा रहा शेयर बाजार
आइये इतिहास पर नजर डालते हैं कि जब-जब भारत और पाकिस्तान के बीच भारी तनाव रहा उस दौरान शेयर बाजार का क्या हाल रहा. साल 2019 में जिस वक्त पुलवामा हमला हुआ था, उसके बाद 14 फरवरी से लेकर एक मार्च के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में 1.8 प्रतिशत की गिरावट दिखी थी.
साल 2016 के उरी हमले और बाद जवाकी भारत सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 18 से 26 सितंबर के बीच शेयर बाजार में करीब 2 प्रतिशत गिरावट दिखी थी. इससे पहले जब साल 2001 में संसद पर हमला हुआ था, उस वक्त भी बाजार में गिरावट देखने को मिली थी. सेंसेक्स 0.7 प्रतिशत, निफ्टी 0.8 प्रतिशत गिर गया था. हालांकि, उसके बावजूद भारतीय शेयर बाजार जल्द की खुद को संभाला.
इसके अलावा अगर बात मुंबई हमले की करें तो 26 नवंबर को हुए आतंकी हमले का असर शेयर बाजार पर पड़ा था. सेंसेक्स करीब 400 अंक नीचे गिर गया था. हालांकि निफ्टी ने 100 अंकों की बढ़त बनाई थी. इसके पहले 1999 में करगिल वॉर के दौरान बाजार ने लचीलापन दिखा और तीन महीने की युद्ध की इस अवधि के दैरान बाजार में 0.8 फीसदी की मामूल गिरावट आयी है. इन आंकड़ों से जाहिर होता है कि युद्ध की स्थिति में भारतीय शेयर बाजार परिवक्तता के साथ मजबूती से खड़ा रहा है.
इसके अलावा, पिछले साल यानी 2024 में पाकिस्तान भारत के कुल निर्यात का सिर्फ 0.5 फीसदी हिस्सा था. इसी वजह से जब पाक और भारत के बीच सीमा पर तनाव होता है, तो उसका सीधा असर भारत की इकोनॉमी पर नहीं पड़ता.