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    ममता बनर्जी का नेपाल हिंसा पर बयान: “हम उन्हें पसंद करते हैं, लेकिन फैसला उनका है”

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         पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को नेपाल में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों और हिंसा को लेकर एक स्पष्ट बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसी देश नेपाल के साथ मित्रवत संबंध बनाए रखना चाहता है, लेकिन आंतरिक मामलों पर फैसला केवल नेपाल की सरकार और जनता को करना है।

    मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विशेष रूप से नेपाल की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों के लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। उनका कहना था कि “हम नेपाल के लोगों से स्नेह करते हैं और उनके साथ हमेशा दोस्ताना संबंध बनाए रखना चाहते हैं। लेकिन उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना भारत का काम नहीं है। हमें शांति बनाए रखने और सीमा पर किसी प्रकार की अशांति से बचने की आवश्यकता है।”

    नेपाल की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल के जिलों में लोग हाल ही में बढ़ती असुरक्षा और अफवाहों को लेकर चिंतित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सीमा सुरक्षा को मजबूत किया है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि स्थानीय लोग प्रभावित न हों।

    ममता बनर्जी ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं। “हमारा उद्देश्य है कि सीमा पर स्थित लोग सुरक्षित रहें और किसी प्रकार की हिंसा या दंगा प्रभावित न करें। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी सतर्कता के साथ काम कर रही हैं।”

    हाल ही में नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज हो गए हैं, जिसमें हजारों लोग सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। ये प्रदर्शन कई जिलों में हिंसक रूप ले चुके हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह शांति बनाए रखे और किसी भी तरह की सीमा पार हिंसा से बचने के लिए प्रशासन पूरी सतर्कता बरते।

    ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा नेपाल के साथ दोस्ताना और पारदर्शी संबंध बनाए रखना चाहता है। उन्होंने कहा, “हम नेपाल के विकास और स्थिरता के पक्षधर हैं। लेकिन यह उनके आंतरिक मामलों का मामला है। भारत किसी भी तरह से उनके निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगा।”

    राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह बयान भारत-नेपाल संबंधों की संवेदनशीलता और सीमा से जुड़े लोगों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता को दर्शाता है। सीमावर्ती जिलों में सामाजिक और राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कहा कि सीमावर्ती जिलों के लोग अपने जीवन और संपत्ति की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उन्होंने अपील की कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए तैयार है और प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ काम कर रहा है।

    पश्चिम बंगाल सरकार ने सीमा क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही नागरिकों से भी आग्रह किया गया है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार की अफवाह या हिंसा में न फंसें।

    मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि भारत और नेपाल के बीच पारंपरिक मित्रता को बनाए रखना दोनों देशों के लिए लाभकारी है। उन्होंने नेपाल की सरकार और जनता के प्रति संवेदनशीलता जताते हुए कहा कि यह भारत का कर्तव्य है कि वह अपने पड़ोसी के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता बनर्जी का यह बयान न केवल स्थानीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर दिया गया है, बल्कि इससे राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच भी स्पष्ट दूरी का संदेश गया है। उन्होंने कहा कि सीमा से लगे लोग अक्सर किसी भी राजनीतिक या सामाजिक तनाव के सीधे प्रभाव में आते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

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