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भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए इसे ‘घोर कलयुग’ बताया। निशिकांत दुबे का यह बयान राजनीतिक और मीडिया जगत में चर्चा का विषय बन गया है।
भाजपा सांसद का आरोप
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि ललित नारायण मिश्रा की हत्या कांग्रेस की ओर से की गई थी ताकि कुछ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की घटनाओं को छुपाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं केवल राजनीतिक स्वार्थ और सत्ता बचाने की मानसिकता का हिस्सा हैं।
छह बिंदुओं में घटनाक्रम
सांसद निशिकांत दुबे ने अपने आरोपों को छह बिंदुओं में स्पष्ट किया:
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घटना का संदर्भ: ललित नारायण मिश्रा की मृत्यु के समय रेल मंत्रालय में चल रहे भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की जांच।
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राजनीतिक स्वार्थ: कांग्रेस के सत्ता में बने रहने और अपने गुनहगारों को बचाने के लिए इस कदम को उठाया गया।
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साक्ष्य का आभाव: घटना से जुड़े कई महत्वपूर्ण साक्ष्य गायब हो गए या नष्ट कर दिए गए।
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घटनाक्रम में संदिग्ध गतिविधियां: मृतक के आसपास के अधिकारियों और कर्मचारियों की संदिग्ध हरकतें।
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सार्वजनिक और मीडिया प्रतिक्रिया: समय-समय पर मीडिया में रिपोर्ट्स और जांच की मांग।
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निष्कर्ष: इसे घोर कलयुग की घटना करार देना उचित है क्योंकि राजनीति में भ्रष्टाचार और हत्या का सम्मिश्रण दिखाई देता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों के बाद कांग्रेस ने किसी भी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषक इस मामले को लेकर विभिन्न मत रखते हैं। कुछ का कहना है कि यह बयान केवल चुनावी राजनीति और ध्यान खींचने का हिस्सा है, जबकि अन्य इसे गंभीर आरोप मानकर जांच की मांग कर रहे हैं।
मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
मीडिया और जनता में इस बयान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई समाचार चैनलों और अखबारों ने इसे पहले पन्नों पर प्रमुखता से प्रकाशित किया। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस चल रही है, जिसमें कुछ लोग कांग्रेस के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश मान रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस के बीच तनाव
निशिकांत दुबे के आरोप ने भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। आगामी चुनावों को देखते हुए यह बयान दोनों दलों के लिए रणनीतिक मोड़ साबित हो सकता है। भाजपा इसे कांग्रेस के भ्रष्टाचार और पिछली सरकार की गलत नीतियों को उजागर करने का मौका मान रही है।
सांसद निशिकांत दुबे के आरोप ने ललित नारायण मिश्रा हत्या केस और उस समय के राजनीतिक घटनाक्रम को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह बयान यह सवाल उठाता है कि राजनीति में सत्ता और भ्रष्टाचार के चलते कितनी हद तक कार्रवाई की जा सकती है। राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषक इस मामले की गंभीरता पर ध्यान दे रहे हैं और भविष्य में इस पर और बहस की संभावना बनी हुई है।








