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सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने एक बार फिर प्राइवेट कंपनियों के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है। नए ग्राहकों को जोड़ने के मामले में BSNL ने लगातार दूसरे महीने भारती एयरटेल को पछाड़ दिया है। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब कंपनी अपने 4G नेटवर्क को देशभर में विस्तार देने में जुटी हुई है।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, BSNL ने सितंबर 2025 में 15 लाख से अधिक नए ग्राहक जोड़े हैं। इसके साथ ही कंपनी का सक्रिय ग्राहक आधार तेजी से बढ़ा है। वहीं एयरटेल इस महीने नए यूज़र्स जोड़ने में पिछड़ गई। जबकि जियो (Jio) अब भी मार्केट लीडर बनी हुई है, लेकिन वोडाफोन-आइडिया (Vi) के लिए हालात पहले से भी ज्यादा चिंताजनक हो गए हैं।
BSNL के 4G नेटवर्क लॉन्च ने कंपनी के प्रदर्शन में बड़ा बदलाव लाया है। कई राज्यों में जब से BSNL ने 4G सर्विस की शुरुआत की है, तब से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में इसका यूज़र बेस तेजी से बढ़ा है। किफायती रिचार्ज प्लान और बेहतर नेटवर्क कवरेज के चलते लोगों का भरोसा एक बार फिर इस सरकारी कंपनी की ओर लौटता दिख रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि BSNL का यह प्रदर्शन आने वाले महीनों में और मजबूत हो सकता है, क्योंकि कंपनी दिसंबर 2025 तक देशभर में 4G नेटवर्क रोलआउट पूरा करने की योजना पर काम कर रही है। इसके अलावा, कंपनी जल्द ही 5G सर्विस लॉन्च करने की भी तैयारी में है, जिसके लिए आवश्यक टेस्टिंग लगभग पूरी हो चुकी है।
वहीं, एयरटेल के लिए यह स्थिति थोड़ी चिंता का विषय है। पिछले कई महीनों से कंपनी 5G सेवाओं के विस्तार और प्रीमियम यूज़र्स पर फोकस कर रही थी, लेकिन निचले स्तर के बाजारों यानी छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में उसकी पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है। यही वह क्षेत्र है जहां BSNL को फायदा हो रहा है।
जियो (Reliance Jio) की बात करें तो कंपनी फिलहाल सुरक्षित स्थिति में है। उसके यूज़र्स की संख्या और राजस्व दोनों में स्थिरता बनी हुई है। जियो के 5G नेटवर्क का तेजी से विस्तार और किफायती Jio Bharat फोन जैसी योजनाओं ने उसे बाकी प्रतिस्पर्धियों से आगे रखा है। लेकिन मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर BSNL का 4G और आने वाला 5G नेटवर्क बेहतर परफॉर्म करता रहा, तो भविष्य में जियो को भी कड़ी टक्कर मिल सकती है।
दूसरी ओर, Vi (वोडाफोन-आइडिया) के लिए हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। कंपनी के यूज़र्स लगातार घट रहे हैं और वित्तीय संकट भी गहराता जा रहा है। Vi के पास 5G लॉन्च करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है, और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड की प्रक्रिया भी बेहद धीमी है। TRAI के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में Vi ने करीब 9 लाख ग्राहक खो दिए, जो कंपनी के लिए बड़ा झटका है।
BSNL के पुनरुत्थान को सरकार की डिजिटल नीतियों और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने BSNL में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी को तकनीकी उन्नयन, नेटवर्क विस्तार और 5G विकास के लिए विशेष फंडिंग दी गई है। नतीजा यह है कि BSNL अब धीरे-धीरे फिर से प्रतिस्पर्धा में लौट रही है।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर BSNL इसी रफ्तार से नए यूज़र जोड़ती रही, तो अगले साल तक कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल नेटवर्क कंपनी बन सकती है। हालांकि, इसके लिए कंपनी को अपने नेटवर्क की स्थिरता, ग्राहक सेवा और मार्केटिंग रणनीतियों को और मजबूत करना होगा।
ग्राहकों के नजरिए से देखें तो BSNL के नए 4G प्लान्स आकर्षक साबित हो रहे हैं। कंपनी के ₹197 और ₹399 वाले प्लान्स ग्रामीण ग्राहकों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। इन प्लान्स में असीमित कॉलिंग, डेटा और OTT लाभ जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, जो एयरटेल और जियो के मुकाबले सस्ती हैं।
मार्केट में यह प्रतिस्पर्धा अब और दिलचस्प हो गई है। जहां जियो और एयरटेल 5G की रेस में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं BSNL अपने 4G नेटवर्क के साथ जमीनी स्तर पर मजबूत हो रही है। Vi के लिए यह स्थिति सबसे मुश्किल है क्योंकि उसके पास न तो मजबूत निवेश है और न ही स्पष्ट रणनीति।
कुल मिलाकर, भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक बार फिर हलचल मच गई है। BSNL की वापसी ने दिखा दिया है कि सही रणनीति, तकनीकी सुधार और सरकारी सहयोग से कोई भी कंपनी दोबारा उठ खड़ी हो सकती है। अब देखना यह होगा कि आने वाले महीनों में एयरटेल कैसे वापसी करता है, और क्या BSNL अपनी इस गति को बरकरार रख पाता है या नहीं।








