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महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पुणे में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर को गिरफ्तार कर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। एटीएस के सूत्रों के अनुसार, इस अभियुक्त पर पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन अलकायदा से संबंध होने और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा में ढालने का गंभीर आरोप है। गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ महाराष्ट्र और अन्य शहरों में संभावित टेरर अटैक की योजना बनाने का भी मामला सामने आया है।
एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोमवार की रात पुणे में चलाए गए छापे में जुबैर को पकड़ लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि अभियुक्त ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए युवाओं को प्रभावित किया और उन्हें कट्टरपंथी नेटवर्क में जोड़ने की कोशिश की। अधिकारीयों ने कहा कि यह मामला केवल पुणे तक सीमित नहीं था बल्कि महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों और राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
जुबैर के पास सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की विशेषज्ञता होने के कारण, उसकी गतिविधियों में तकनीकी कौशल का भी इस्तेमाल किया गया। एटीएस सूत्रों के अनुसार, वह संभावित टेरर अटैक की योजना बनाने, नक्शे तैयार करने और डिजिटल संचार के माध्यम से सहयोगियों को निर्देश देने में शामिल था।
गिरफ्तारी के बाद पुणे पुलिस और एटीएस ने अभियुक्त के घर और कार्यस्थल पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान डिजिटल उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए। इन दस्तावेजों और डिजिटल फाइलों का विश्लेषण जारी है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि जुबैर का अलकायदा के सदस्यों और अन्य अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क से सीधा संपर्क था।
एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जुबैर ने युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा में शामिल करने के लिए सोशल मीडिया, ऑनलाइन चैट ग्रुप्स और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग किया। उन्होंने कहा,
“अभियुक्त तकनीकी रूप से निपुण था और उसने डिजिटल माध्यम से हिंसा और आतंक फैलाने की कोशिश की। उसकी गिरफ्तारी से संभावित खतरे को काफी हद तक रोका जा सका है।”
महाराष्ट्र एटीएस ने यह भी स्पष्ट किया कि जुबैर अकेला नहीं था। प्रारंभिक जांच में कई अन्य संदिग्धों के नाम सामने आए हैं, जो महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों और भारत के अन्य हिस्सों में सक्रिय हैं। इनके खिलाफ आगे की जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि इस गिरफ्तारी से अलकायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के नेटवर्क की जानकारी भी उजागर हो सकती है।
जुबैर की गिरफ्तारी के बाद राज्य और केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस ने चेतावनी जारी की है कि आम नागरिकों को संदिग्ध गतिविधियों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी अनजान या संदिग्ध संदेश, लिंक या ग्रुप्स से दूर रहना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में डिजिटल माध्यम से कट्टरपंथ फैलाने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे मामलों में तकनीकी रूप से सक्षम अभियुक्तों की भूमिका और भी खतरनाक होती है क्योंकि वे जटिल योजनाओं और नेटवर्किंग के जरिए व्यापक स्तर पर हिंसा को अंजाम दे सकते हैं। जुबैर के मामले में भी यही स्थिति नजर आ रही है।
अलकायदा कनेक्शन और संभावित टेरर अटैक की योजना का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुंबई, पुणे, और अन्य प्रमुख शहरों में पुलिस और सुरक्षा बलों को विशेष सतर्कता बनाए रखने को कहा गया है। इसके अलावा, एटीएस ने राज्य के अन्य जिलों में संभावित संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है।
इस गिरफ्तारी को सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक मामलों में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाईयों से आतंकवादी नेटवर्क को रोकने और संभावित हमलों से बचाव करने में मदद मिलती है।
जुबैर के खिलाफ महाराष्ट्र एटीएस ने आधिकारिक रूप से आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत उसके अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से जुड़े दस्तावेज, डिजिटल फाइलें और मोबाइल डेटा सबूत के रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि जुबैर की गिरफ्तारी के बाद अन्य संदिग्धों पर भी कार्रवाई तेज हो सकती है। यह कदम न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस पूरे मामले ने यह भी संकेत दिया है कि डिजिटल और तकनीकी कौशल वाले आतंकवादी देश और दुनिया में संभावित खतरे पैदा कर सकते हैं। इसलिए सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और नागरिकों की जागरूकता दोनों ही बेहद जरूरी हैं।
महाराष्ट्र एटीएस का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में जुबैर के साथ जुड़े अन्य संदिग्धों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने जनता से अनुरोध किया है कि वे अफवाहों और बिना पुष्टि की खबरों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक जानकारी पर ध्यान दें।








