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    ऐश्वर्या राय बच्चन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की: नाम, छवि और ए.आई.-जनित अश्लील सामग्री के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाने की मांग

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         बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपनी व्यक्तिगत और प्रचार अधिकारों की रक्षा की मांग की है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि उनके नाम, छवि और ए.आई.-जनित अश्लील सामग्री के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाई जाए। यह याचिका न्यायमूर्ति तेजस करिया के समक्ष प्रस्तुत की गई, जिन्होंने मौखिक रूप से संकेत दिया कि आरोपी पक्षों के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित किया जा सकता है।

    वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी, जो राय बच्चन की ओर से अदालत में उपस्थित थे, ने न्यायालय में प्रस्तुत किया कि उनकी मुवक्किल की छवि, नाम और व्यक्तित्व का अनधिकृत रूप से उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई वेबसाइटों पर उनकी तस्वीरें और नाम का उपयोग किया जा रहा है, जिनसे वाणिज्यिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है। इसके अलावा, ए.आई.-जनित अश्लील सामग्री भी इंटरनेट पर प्रसारित हो रही है, जो पूरी तरह से अवास्तविक है और उनकी अनुमति के बिना बनाई गई है।

    सेठी ने अदालत से कहा, “उनका नाम और छवि किसी की यौन इच्छाओं को संतुष्ट करने के लिए उपयोग किया जा रहा है, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने यह भी बताया कि एक वेबसाइट “आइश्वेर्या नेशन वेल्थ” ने उनकी तस्वीर का उपयोग अपने पत्रक पर किया और उन्हें अपनी अध्यक्ष बताया।

    न्यायमूर्ति तेजस करिया ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि अदालत आरोपी पक्षों के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने पर विचार कर रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ, तो प्रत्येक आरोपी के खिलाफ अलग-अलग आदेश पारित किए जा सकते हैं।

    अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर 2025 को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष और 15 जनवरी 2026 को मुख्य न्यायालय में निर्धारित की है।

    भारत में व्यक्तिगत और प्रचार अधिकारों की रक्षा संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत की जाती है, जो निजता और गरिमा का अधिकार प्रदान करता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले भी ऐसे मामलों में हस्तक्षेप किया है, जैसे कि अभिनेता अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ के मामलों में, जहां उनके नाम, छवि और आवाज के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाई गई थी।

    यह मामला डिजिटल युग में निजता और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता को उजागर करता है। ए.आई.-जनित सामग्री के बढ़ते उपयोग से सार्वजनिक व्यक्तित्वों की छवि और प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, ऐसे मामलों में कानूनी हस्तक्षेप आवश्यक है ताकि व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा की जा सके।

    ऐश्वर्या राय बच्चन की यह कानूनी पहल डिजिटल युग में निजता और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यदि अदालत उनके पक्ष में आदेश पारित करती है, तो यह अन्य सार्वजनिक व्यक्तित्वों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा। इससे यह स्पष्ट होगा कि किसी भी व्यक्ति के नाम, छवि और व्यक्तित्व का अनधिकृत उपयोग अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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