




सरकार ने Goods and Services Tax (GST) की हालिया कटौती के बाद उपभोक्ताओं को सीधा लाभ पहुँचाने के लिए पैकेजिंग नियमों में महत्वपूर्ण ढील दी है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने घोषणा की है कि कंपनियों को पुराने स्टॉक पर नए मूल्य स्टिकर लगाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को वस्तुओं की कीमतों में पारदर्शिता और सुलभता बढ़ेगी।
पैकेजिंग नियमों में ढील
सरकार ने स्पष्ट किया है कि 22 सितंबर 2025 से पहले निर्मित और पैक किए गए सामानों पर नए मूल्य स्टिकर लगाना अब वैकल्पिक होगा। कंपनियों को केवल यह सुनिश्चित करना होगा कि पुराने स्टॉक पर मौजूदा अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) स्पष्ट रूप से दिखाई दे। इसके अलावा, कंपनियों को पुराने पैकेजिंग सामग्री का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, जो 31 मार्च 2026 तक वैध रहेगा या जब तक स्टॉक समाप्त नहीं हो जाता।
उपभोक्ताओं को मिलेगा सीधा लाभ
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य GST कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाना है। इससे उपभोक्ताओं को वस्तुओं की वास्तविक कीमतों का पता चलेगा और वे अधिक पारदर्शिता के साथ खरीदारी कर सकेंगे। इसके अलावा, कंपनियों को पुराने स्टॉक पर नए स्टिकर लगाने की अनिवार्यता समाप्त होने से उनके संचालन में भी सरलता आएगी।
कंपनियों के लिए राहत
पैकेजिंग नियमों में ढील से FMCG (Fast-Moving Consumer Goods) कंपनियों को विशेष राहत मिलेगी। इन कंपनियों के लिए पुराने स्टॉक पर नए स्टिकर लगाना एक समयसाध्य और महंगा कार्य हो सकता था। अब, कंपनियाँ पुराने पैकेजिंग सामग्री का उपयोग कर सकती हैं, जिससे उनके लागत में कमी आएगी और वे GST कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में सक्षम होंगी।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय की सलाह
सरकार ने कंपनियों को सलाह दी है कि वे उपभोक्ताओं को सही जानकारी प्रदान करें और पुराने स्टॉक पर नई कीमतों की स्पष्ट जानकारी दें। इसके लिए कंपनियाँ इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया चैनलों का उपयोग कर सकती हैं। इससे उपभोक्ताओं को नई कीमतों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और वे सूचित निर्णय ले सकेंगे।
GST कटौती के बाद पैकेजिंग नियमों में ढील उपभोक्ताओं और कंपनियों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी। उपभोक्ताओं को वस्तुओं की वास्तविक कीमतों का पता चलेगा और वे अधिक पारदर्शिता के साथ खरीदारी कर सकेंगे। वहीं, कंपनियाँ पुराने स्टॉक का उपयोग कर सकती हैं, जिससे उनके लागत में कमी आएगी। इस निर्णय से GST कटौती का वास्तविक लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचने में मदद मिलेगी।