




दिल्ली में गुरुवार रात मौसम ने अचानक करवट ली और तेज हवाओं के साथ बारिश ने तांडव मचा दिया. लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली लेकिन इसके बाद जलजमाव से लोगों को दिक्कतें हुई.
दिल्लीवाले अब चाहते हैं कि ऐसी मुसीबतों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाएं जाएं, वरना मानसून में हालात और बिगड़ सकते हैं. वहीं पेड़ गिरने, दीवार ढहने और जलभराव ने दिल्ली को अस्त-व्यस्त कर दिया. छावला में दीवार गिरने से 3 लोग घायल हो गए, तो 9 घंटे में 98 जगहों पर पेड़ गिरने की खबरें आईं. सड़कों पर पानी भर गया, गाड़ियां डैमेज हुईं और लोग परेशान रहे.
सुबह 5:30 बजे छावला थाना इलाके के पपरावत गांव में तेज हवा से एक दीवार ढह गई. पास के मकान पर गिरी इस दीवार से ओमप्रकाश, लव और सौरभ घायल हो गए. तीनों को कैट एंबुलेंस से जाफरपुर के राव तुला राम हॉस्पिटल ले जाया गया. डीसीपी द्वारका अंकित सिंह ने बताया कि सभी खतरे से बाहर हैं. हादसा प्रह्लाद मंदिर के पास हुआ, जहां पड़ोसी की दीवार टूटकर साथ वाले घर पर जा गिरी.
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि तेज हवा और बारिश आएगी. रात 12 बजे से सुबह 9:30 तक फायर कंट्रोल रूम को पेड़ गिरने की 98 शिकायतें मिलीं.डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया कि सबसे ज्यादा 71 कॉल सुबह 5 से 9 बजे के बीच आए. द्वारका की सोसाइटी और साउथ दिल्ली में पेड़ गिरने से दर्जनों गाड़ियां डैमेज हो गईं.
द्वारका के विकास कुंज अपार्टमेंट के जनरल सेक्रेटरी ने कहा कि उनकी सोसाइटी में कई गाड़ियां पेड़ों के नीचे दब गईं. सेक्टर 8 और बाकी इलाकों में भी ऐसा ही हाल रहा.बारिश ने साउथ दिल्ली के देवली रोड, साकेत रोड, मेहरौली-बदरपुर रोड और नजफगढ़ के नगली बिहार जैसे इलाकों को पानी में डुबो दिया.
सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे लोग जाम में फंसे और परेशान हुए. एक तरफ मौसम सुहाना हो गया, तो दूसरी तरफ जलभराव ने मुसीबत खड़ी कर दी.लोगों ने कहा कि ये बारिश कोई बहुत बड़ी नहीं थी, फिर भी दिल्ली ठप हो गई. तेज हवाओं ने पेड़ उखाड़ दिए, पुरानी दीवारें ढह गईं और सड़कें डूब गईं. लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार ने पहले से तैयारी नहीं की?