




नगर निगम ने बताया है कि इससे मुंबईकरों की जलापूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बढ़ते तापमान और इसके परिणामस्वरूप बढ़े वाष्पीकरण के कारण, मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले बांधों में भंडारण क्षमता कुछ कम हो गई है। हालांकि, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) प्रशासन ने बताया है कि इससे मुंबईकरों की जलापूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। महाराष्ट्र सरकार ने ‘आकस्मिकता रिजर्व’ से मुंबई के लिए अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराया है।
वर्तमान स्थिति के आधार पर 31 जुलाई 2025 तक पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है। इसलिए यह स्पष्ट किया गया है कि फिलहाल पानी की कटौती पर कोई विचार नहीं किया गया है। नगर निगम प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि मौसम विभाग (आईएमडी) के साथ लगातार समन्वय कर संभावित वर्षा की स्थिति पर विचार करने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
जलाशयों में कितना भंडारण है?
बृहन्मुंबई महानगरपालिका आयुक्त एवं प्रशासक भूषण गगरानी ने आज (5 मई, 2025) महानगरपालिका मुख्यालय में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में मुंबई की जलापूर्ति की समीक्षा की। इस बैठक में अतिरिक्त आयुक्त (परियोजना) अभिजीत बांगर, जल अभियंता पुरुषोत्तम मालवडे और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। 5 मई 2025 की सुबह तक के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई को जलापूर्ति करने वाले जलाशयों में उपलब्ध कुल जल संग्रहण 22.66 प्रतिशत है। इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने भाटसा और ऊपरी वैतरणा बांधों से ‘आकस्मिकता रिजर्व’ से अतिरिक्त जल आपूर्ति को मंजूरी दे दी है।
मुंबईकरों से पानी का बुद्धिमानी से उपयोग करने का आग्रह
इस पृष्ठभूमि में, 31 जुलाई 2025 तक मुंबई के लिए पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है। इसलिए, मनपा प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में जलापूर्ति कम करने की कोई आवश्यकता नहीं है। नगर निगम प्रशासन बांधों में उपलब्ध जल भंडार पर लगातार नजर रख रहा है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बारिश के आगमन को लेकर मौसम विभाग के साथ समन्वय कर स्थिति के अनुसार आगे निर्णय लिया जाएगा। फिर भी, प्रशासन ने मुंबईवासियों से पानी का बुद्धिमानी और मितव्ययिता से उपयोग करने तथा बृहन्मुंबई नगर निगम प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की है।