




भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में किए गए सैन्य हमलों के बाद दुनिया भर के देशों ने प्रतिक्रिया दी है. जानिए अमेरिका, चीन, रूस और अन्य देशों ने क्या कुछ कहा है.
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK में नौ आतंकी ठिकानों निशाना बनाकर तबाह कर दिया है. इस घटना के बाद से न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया में हलचल पैदा हो गई है. इस बीच अमेरिका से लेकर रूस, चीन समेत तमाम देशों ने प्रतिक्रिया दर्ज की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव एक शर्मनाक स्थिति है. हमें उम्मीद है कि जल्द ही शांति बहाल होगी. इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बयान दिया कि अमेरिका इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और दोनों देशों के साथ बातचीत कर रहा है. अमेरिका की यह संतुलित नीति बताती है कि वह क्षेत्र में शांति बनाए रखने के पक्षधर हैं, लेकिन भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की निंदा नहीं की गई है.
इजरायल का भारत को खुला समर्थन
इजरायल की प्रतिक्रिया सबसे स्पष्ट और भारत के पक्ष में रही. भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने लिखा कि हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं. आतंकवादियों को उनके अपराधों की कीमत चुकानी होगी.यह बयान भारत को राजनयिक समर्थन देता है और यह संकेत भी देता है कि इजरायल आतंकवाद के विरुद्ध भारत के साथ खड़ा है.
चीन ने तनाव से बचने की अपील की
चीन के राजनयिक ने संतुलित बयान दिया. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को शांति बनाए रखनी चाहिए और ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए जिससे स्थिति और जटिल हो. चीन का यह बयान एक राजनीतिक संतुलन दिखाता हैवह पाकिस्तान के साथ खड़ा रहना चाहता है लेकिन खुलेआम भारत का विरोध नहीं कर रहा.
संयुक्त राष्ट्र की अपील
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हम LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों को संयम बरतना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र का यह बयान एक विश्वव्यापी चिंता को दर्शाता है कि दक्षिण एशिया का कोई भी संघर्ष वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है.
यूएई ने बातचीत को दी प्राथमिकता
यूएई के उप-विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद ने कहा कि तनाव को शांति से सुलझाने का सबसे बेहतर तरीका कूटनीति और संवाद है.” यूएई का यह बयान स्पष्ट करता है कि खाड़ी देश दोनों पक्षों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं. वह किसी भी सैन्य समाधान के बजाय राजनयिक विकल्पों को प्राथमिकता देते हैं.
रूस का भारत की सुरक्षा को समर्थन
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि भारत-पाक तनाव को लेकर हम चिंतित हैं और दोनों देशों से संयम की अपील करते हैं.”हालांकि रूस ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी, जिससे संकेत मिलता है कि वह भारत की आतंकी विरोधी नीति का समर्थन करता है, लेकिन सैन्य कार्रवाई से स्थिति के बिगड़ने को लेकर सतर्क भी है.