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    क्या सिंदूर की कीमत पाकिस्तान को पड़ेगी भारी, डूब जाएगी इकोनॉमी, जानें पड़ोसी मुल्क का क्या होगा हाल।

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    पाकिस्तान की इकोनॉमी पूरी तरह से कृषि, पशुपालन और स्थानीय उद्योगों पर निर्भर है, ऐसे में बिना पानी के इनके लिए न ही फसलों की उपज होगी और न ही बाकी काम चल पाएगा.

    भारत ने बुधवार की रात पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देते हुए उसके करीब 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि भारत के तीनों सेनाओं के संयुक्त ऑपरेशन में करीब 80 से ज्यादा आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया गया. ये हमले पाकिस्तान के साथ ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किया गया.

    भारत की तरफ से सीमा पार ये हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में किए गए हमले के जवाब में किया गया है. भारत के इस अटैक में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया. ऐसे में सवाल अब उठ रहा है कि पाकिस्तान की इकोनॉमी पर भारत की तरफ से लिए गए अब तक के कदमों का क्या कुछ असर पड़ने वाला है?

    पाकिस्तान पर करारा आर्थिक चोट
    आर्थिक जानकारों का मानना है कि जिस तरह के भारत ने कदम उठाए हैं उससे पाकिस्तान को बड़ा इकॉनोमिक नुकसान होने जा रहा है. इसके बाद जरूर पाकिस्तान को अब सिंदूर की कीमत का अब तक पता चल चुका होगा.

    भारत की तरफ से लिए एक्शन का वहां के शेयर बाजार से लेकर पानी और आसमान हर जगह पर असर देखा जा रहा है. पाकिस्तान का स्टॉक मार्केट करीब सात हजार अंक तक टूट चुका है, जिससे वहां के निवेशकों को करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. ऐसे में आज एक बार फिर वहां के शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दिख सकती है.

    दूसरा एक्शन भारत की तरफ से किया गया वाटर स्ट्राइक है. सिंधु जल संधि रद्द करने के एलान से पाकिस्तान में जो बौखलाहट है, उसका एक संकेत पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टे के उस बयान से भी लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा कि या तो पानी बहेगा या फिर खून बहेगा.

    सिंधु संधि की क्या अहमियत
    दरअसल, पाकिस्तान की इकोनॉमी पूरी तरह से कृषि, पशुपालन और स्थानीय उद्योगों पर निर्भर है, ऐसे में बिना पानी के इनके लिए न ही फसलों की उपज होगी और न ही बाकी काम चल पाएगा. ऐसे स्थिति में अगर भारत से सिंधु नदी के पानी को किसी और तरफ मोड़ा जाता है तो फिर न सिर्फ वहां की इकोनॉमी चरमरा जाएगी, बल्कि वहां के लोगों के सामने भूखमरी की संकट पैदा हो जाएगा.

    रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान की करीब 80 फीसदी खेती सिंधु जल के ऊपर निर्भर है. परोक्ष या फिर अपरोक्ष तौर पर करीब 60 फीसदी पाकिस्तान की आबादी सिंधु जल पर निर्भर है. इसके अलावा, कराची, मुलतान और लाहौर जैसे शहरों को भी औद्योगिक उद्देश्य के लिए सिंधु नदीं से ही पानी मिलता है.

    व्यापार पर चोट
    इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापार बंद कर दिया है. भारत की तरफ से अटारी वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. साल 2019-19 में दोनों देशों के बीच करीब 4370 करोड़ का ट्रेड हुआ था. इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के लिए अपना एयर स्पेस भी बंद करने का एलान किया है. ऐसे में जो भी फ्लाइट्स भारत के एयर स्पेस का इस्तेमाल करती थी, अब उसे दूर से होकर जाना होगा.

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