




पाकिस्तान में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर पर विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि मैं इस ऑपरेशन के लिए भारत सरकार का धन्यवाद करती हूं.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में नेवी अधिकारी पति विनय नरवाल को खोने वाली हिमांशी नरवाल पाकिस्तान में सेना के ऑपरेशन सिंदूर की खबर सुनकर भावुक हो गईं. उनकी आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने सरकार से कार्रवाई नहीं रोकने की गुहार लगाई.
उन्होंने कहा, ”मेरा पति डिफेंस में था और वो जब ज्वाइन किया तो चाहता था कि देश में शांति हो. निर्दोषों की जान नहीं जानी चाहिए. इस देश में नफरत और आतंक न हो. उसका स्प्रिट इस ऑपरेशन (ऑपरेशन सिंदूर) में है. आतंकवाद और नफरत सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.”
वायरल हुई थी हिमांशी नरवाल की तस्वीर
पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें हरियाणा के करनाल के रहने वाले नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे. 26 साल के विनय नरवाल पत्नी हिमांशी के साथ पहलगाम में हनीमून मनाने गए थे. आतंकी हमले से 3 सप्ताह पहले ही नरवाल की हिमांशी से शादी हुई थी.
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद हिमांशी की भावुक तस्वीर ने लोगों को आक्रोश से भर दिया. इस तस्वीर में हिमांशी पति के मृत शरीर के बगल में बैठी थीं और उनका चेहरा झुका हुआ था.
ये यहीं खत्म नहीं होना चाहिए- हिमांशी नरवाल
हिमांशी ने कहा, ”इस ऑपरेशन के लिए मैं भारत सरकार का धन्यवाद करती हूं. मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि ये यहीं खत्म नहीं होना चाहिए, यह आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत है, ताकि जैसी घटना मेरे साथ हुई, वैसी घटना किसी के साथ नहीं हो.”
उन्होंने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिए जाने पर कहा, ”मैं इस नाम से मैं खुद को रिलेट कर सकती हूं. मैंने एक जिंदगी खो दी है. अभी शायद किसी को नहीं पता कि, मेरे साथ क्या हो रहा है. ये नाम बहुत सही है. इस घटना की वजह से बहुत मां ने, औरतों ने अपनी जान खोई है, अपना एक हिस्सा खोया है. मैं उम्मीद करती हूं कि ऐसा ऑपरेशन करने की नौबत आगे कभी नहीं आए, ऐसा कुछ दोबारा किसी और के साथ न हो.”
ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए सेना ने बयान जारी किया. साथ ही सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थी.
औरत ही औरत का बदला ले सकती है- हिमांशी नरवाल
दोनों महिला अधिकारियों के प्रेस ब्रीफिंग पर हिमांशी नरवाल ने कहा, ”महिला ही महिला को ज्यादा रिलेट कर सकती हैं. बाप ने बेटे को खोया है, भाई ने भाई को खोया है, उनका काफी दर्द है. औरत ही औरत का बदला ले सकती है. ये बहुत अच्छी बात है. ये अच्छी बात है कि महिला अधिकारी को मौका दिया गया है. मैं उम्मीद करती हूं कि सुरक्षाबलों में महिला और पुरुष की बराबर की भागीदारी होगी.”
हिमांशी नरवाल ने हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मेरे पति को सर्वोच्च सम्मान मिलना चाहिए.