




2026 से लागू होगा नया नियम, पहली परीक्षा अनिवार्य और दूसरी परीक्षा होगी वैकल्पिक; NEP 2020 के तहत लिया गया निर्णय।
नई दिल्ली | शिक्षा संवाददाता: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं के छात्रों के लिए बड़ा ऐलान किया है। साल 2026 से कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य छात्रों को तनावमुक्त परीक्षा अनुभव देना और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का दूसरा मौका देना है।
क्या है नया नियम?
CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के अनुसार, कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं अब दो चरणों में होंगी:
१. पहली परीक्षा: फरवरी में अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी।
२. दूसरी परीक्षा: मई में होगी और यह वैकल्पिक होगी।
३. यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं है, तो वह दूसरी परीक्षा में भाग लेकर अपने अंकों को सुधार सकता है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की सिफारिशों पर आधारित है। नीति का उद्देश्य छात्रों को फेलियर से सीखने और आगे सुधार करने का अवसर देना है, जिससे वे तनावमुक्त होकर बेहतर परिणाम दे सकें।
CBSE का मानना है कि एक बार की परीक्षा में छात्र की वास्तविक क्षमता और कौशल का पूरी तरह से मूल्यांकन नहीं हो पाता।
किसे होगा सबसे अधिक फायदा?
१. उन छात्रों को जो पहली परीक्षा में खराब प्रदर्शन के कारण तनाव में आ जाते हैं।
२. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को रणनीतिक रूप से योजना बनाने का मौका मिलेगा।
३. अभिभावकों को भी बच्चों के बेहतर विकास और विकल्पों के लिए राहत मिलेगी।
कब से लागू होगा?
CBSE ने स्पष्ट किया है कि यह नई परीक्षा प्रणाली वर्ष 2026 से लागू की जाएगी, यानी जो छात्र अभी कक्षा 8 में हैं, वे इस नए नियम के तहत बोर्ड परीक्षा देंगे।
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