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    ईरान में कितना सस्ता है MBBS करना? भारत के मुकाबले जॉब के क्या हैं मौके? जानिए पूरी सच्चाई।

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    भारत में MBBS की पढ़ाई पर खर्च होता है 50 लाख से 1 करोड़ रुपये, वहीं ईरान में 15 से 25 लाख में हो रही मेडिकल की डिग्री पूरी; जानें एडमिशन प्रोसेस और नौकरी के अवसर।

    नई दिल्ली, 26 जून 2025: भारत में NEET क्वालिफाई करने के बावजूद लाखों छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिल पाती। प्राइवेट कॉलेजों की फीस 50 लाख से ऊपर होने के कारण छात्रों को विदेश का रुख करना पड़ता है। इस बीच ईरान मेडिकल की पढ़ाई के लिए एक सस्ता और वैकल्पिक विकल्प बनकर उभरा है।

    भारत बनाम ईरान: MBBS की फीस में फर्क
    पैरामीटर                   भारत (प्राइवेट कॉलेज)                  ईरान (विदेशी यूनिवर्सिटी)
    कुल फीस                   ₹50 लाख से ₹1 करोड़                       ₹15 लाख से ₹25 लाख
    रहने-खाने का खर्च     ₹20,000-30,000/माह                   ₹10,000-12,000/माह
    प्रवेश प्रक्रिया             NEET + काउंसलिंग                         केवल NEET स्कोर

    ईरान में अलग एंट्रेंस टेस्ट देने की जरूरत नहीं होती, और कई कॉलेजों में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कोटा होता है।

    कौन-कौन से मेडिकल कॉलेज हैं ईरान में लोकप्रिय?
    भारत के छात्र जिन ईरानी मेडिकल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेते हैं, उनमें शामिल हैं:
    १. शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
    २. इस्लामिक आज़ाद यूनिवर्सिटी
    ३. तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
    ४. हमादान यूनिवर्सिटी
    ५. गोलेस्तान यूनिवर्सिटी
    ६. केरमान यूनिवर्सिटी

    सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में 1500 से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें अधिकतर जम्मू-कश्मीर से हैं।

    नौकरी के अवसर: क्या भारत में मिलती है MBBS के बाद आसानी से नौकरी?
    ईरान से MBBS करने के बाद भारत में डॉक्टर बनने के लिए FMGE (Foreign Medical Graduate Exam) पास करना अनिवार्य है। इसके बाद:
    १. एक साल की इंटर्नशिप करनी पड़ती है
    २. कई राज्यों में इंटर्नशिप सीटों की कमी होती है
    ३. फिर स्टेट या नेशनल रजिस्ट्रेशन लेकर ही प्रैक्टिस की जा सकती है

    विदेशों में क्या हैं मौके?
    १. मिडिल ईस्ट (UAE, कतर, ओमान) में कुछ बेहतर मौके उपलब्ध हैं
    २. यूरोप और अमेरिका में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अलग-अलग परीक्षाएं पास करनी पड़ती हैं, जैसे USMLE या PLAB

    ऑपरेशन सिंधु’: भारतीय छात्रों की वापसी
    ईरान-इजरायल युद्ध के समय भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू कर ईरान में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने का कार्य किया। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि विदेशों में पढ़ाई करते समय राजनीतिक स्थिरता और सुरक्षा भी एक बड़ा कारक होता है।

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