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    गोगामेड़ी में संपन्न हुआ राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का महाधिवेशन, राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने दिया शिक्षा को राष्ट्रनिर्माण से जोड़ने का संदेश।

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    राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किया शिक्षकों को संबोधित, बोले – शिक्षा केवल डिग्री नहीं, यह राष्ट्र निर्माण की नींव है।

    सवांदाता,हनुमानगढ़, राजस्थान

    हनुमानगढ़, 28 जून 2025: राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के दो दिवसीय महाधिवेशन का भव्य समापन शुक्रवार को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी स्थित गोरक्षधाम में हुआ। इस कार्यक्रम में राजस्थान के माननीय राज्यपाल श्री.हरिभाऊ बागड़े और शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री श्री मदन दिलावर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। राज्यपाल ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की बुनियाद होनी चाहिए।”

    राज्यपाल ने गुरु गोरखनाथ धाम और लोकदेवता गोगाजी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। उनके साथ शिक्षा मंत्री और अनेक प्रमुख संत-विद्वान भी उपस्थित रहे।

    राज्यपाल ने क्या कहा?
    राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा कि 1835 में थोपे गए मैकाले की शिक्षा नीति ने भारतीय शिक्षा की आत्मा को समाप्त कर दिया था, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पाठ्यक्रम का परिवर्तन नहीं बल्कि “भारत की आत्मा को लौटाने का प्रयास है।”

    उन्होंने बताया कि नई नीति में 1000 से अधिक शिक्षाविदों और 400 कुलपतियों ने दो वर्षों तक विचार मंथन किया। उन्होंने गुरुकुल प्रणाली का उदाहरण देते हुए कहा कि “गुरुकुलों में 16 भाषाएं पढ़ाई जाती थीं, गांवों में ताले नहीं होते थे और कोई भिखारी नहीं होता था।”

    राज्यपाल ने यह भी कहा कि “शिक्षक समाज का दर्पण होता है।” उन्होंने जर्मनी की शिक्षा प्रणाली का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां प्राथमिक शिक्षक को सर्वोच्च वेतन दिया जाता है।

    शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का संबोधन
    शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षक मिट्टी से राम या रावण जैसा चरित्र गढ़ सकता है – यह उसका नैतिक और सामाजिक दायित्व है। उन्होंने शिक्षक भर्तियों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 35,000 से अधिक प्रमोशन और 30,000 से ज्यादा नई नियुक्तियाँ की हैं।

    मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि “स्थानांतरण और प्रमोशन एक साथ नहीं चल सकते।” उन्होंने 225 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत करने और स्टाफिंग पैटर्न लागू करने की भी जानकारी दी। साथ ही बच्चों से 10 पौधे लगाने और प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान से जुड़ने का आह्वान किया।

    गोरक्षधाम में हुआ आत्मीय स्वागत
    गोरक्षधाम में आयोजित इस महाधिवेशन में महामहिम राज्यपाल और मंत्री को महंत रूपनाथ जी द्वारा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महंत केशवनाथ जी, श्रवण जी सुथार, रमेश बेनीवाल सहित कई संत-महापुरुष उपस्थित रहे।

    कार्यक्रम में संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश पुष्करणा, प्रांत विचारक विजय आनंद, अखिल भारतीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, विधायक संजीव बेनीवाल, जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव, एसपी श्री हरि शंकर समेत हजारों शिक्षक उपस्थित थे।

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