




पायलट बनने वालों के लिए राहत की खबर।
DGCA: अब भारत में पायलट बनना और भी आसान हो गया है। केंद्र सरकार के नए फैसले के अनुसार, अब DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) खुद ही RTR परीक्षा आयोजित करेगा। पहले यह परीक्षा दूरसंचार विभाग (WPC) द्वारा आयोजित की जाती थी, जिससे अभ्यर्थियों को दो विभागों के चक्कर लगाने पड़ते थे। इस बदलाव से अब सारी प्रक्रिया एकल एजेंसी के जरिए पूरी होगी।
क्या है नया नियम?
नए नियम के मुताबिक, अब कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) के साथ-साथ रेडियो टेलीफोन रिस्ट्रिक्टेड (RTR) सर्टिफिकेट भी DGCA द्वारा ही जारी किया जाएगा। इस बदलाव की घोषणा नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने की और इसे भारतीय वायुयान अधिनियम 2025 के तहत लागू किया गया है, जो 1 जनवरी 2025 से प्रभावी है।
दो एजेंसियों की झंझट खत्म
अब तक पायलट बनने की प्रक्रिया में दो सरकारी एजेंसियों –
१. DGCA से CPL और
२. दूरसंचार विभाग (WPC) से RTR सर्टिफिकेट
लेना पड़ता था।
३. अब ये दोनों प्रमाणपत्र एक ही विभाग DGCA से मिल जाएंगे, जिससे प्रक्रियात्मक देरी और भ्रम खत्म होगा।
RTR परीक्षा क्यों होती है जरूरी?
RTR परीक्षा उन लोगों के लिए जरूरी होती है जो विमान या हवाई यातायात नियंत्रण से जुड़े रेडियो संचार उपकरणों का संचालन करते हैं, जैसे –
१. पायलट
२. एयर ट्रैफिक कंट्रोलर
३. वैमानिकी रेडियो ऑपरेटर
४. अब इस परीक्षा का आयोजन भी DGCA द्वारा ही किया जाएगा।
सिंगल विंडो सिस्टम की तैयारी
मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि 6 महीने के भीतर नए RTR नियमों को अधिसूचित कर दिया जाएगा। साथ ही, एक सिंगल-विंडो पोर्टल शुरू किया जाएगा, जहां पायलट संबंधी सारी प्रक्रिया एक ही जगह पूरी हो सकेगी।
युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि अब ज्यादा युवा विमानन क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आगे आएंगे।
१. प्रक्रिया आसान होगी
२. देरी कम होगी
३. एक ही प्लेटफॉर्म से सर्टिफिकेशन संभव होगा
४. यह बदलाव भारतीय एविएशन सेक्टर में एक ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है।
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