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    बदायूं के रजत विद्या मंदिर में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर बच्चों के साथ विचार-विमर्श

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    बदायूं जिले के नगर उझानी स्थित रजत विद्या मंदिर में बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के महत्व और लाभों के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें नागरिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशील बनाना था।

    कार्यक्रम में जिला सहसंयोजक अजय शर्मा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। अजय शर्मा ने बच्चों को विस्तार से बताया कि एक राष्ट्र, एक चुनाव से चुनाव प्रक्रिया अधिक प्रभावी, पारदर्शी और आर्थिक रूप से लाभकारी होगी। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि अलग-अलग समय पर चुनाव कराने में सरकार को भारी खर्च उठाना पड़ता है और संसाधनों की बर्बादी होती है।

    “एक राष्ट्र, एक चुनाव से न केवल सार्वजनिक धन की बचत होगी, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में स्थिरता आएगी। यह योजना लोकतंत्र को मज़बूती देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है,” अजय शर्मा ने कहा।

    कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने सवाल पूछे और अपने विचार साझा किए। बच्चों में उत्सुकता देखने लायक थी और वे इस विषय पर गहन चर्चा में शामिल हुए। इस प्रकार का संवाद उन्हें लोकतंत्र की प्रक्रिया और उनके नागरिक दायित्वों के प्रति जागरूक करने का एक उत्कृष्ट अवसर था।

    रजत गुप्ता और अर्पित सक्सैना भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व को समझें और भविष्य में देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और देश के प्रति जागरूकता भी जरूरी है।

    एक राष्ट्र, एक चुनाव के लाभ

    1. सार्वजनिक धन की बचत:
      अलग-अलग समय पर चुनाव कराने से लाखों रुपये खर्च होते हैं। एक साथ चुनाव कराने से यह खर्च घटेगा।

    2. प्रशासनिक स्थिरता:
      बार-बार चुनाव कराने से सरकारी योजनाओं में देरी होती है। एक राष्ट्र, एक चुनाव से सरकार अपने विकास कार्यों पर निरंतर ध्यान केंद्रित कर सकेगी।

    3. लोकतंत्र का सशक्तिकरण:
      योजना से जनता और नेताओं के बीच अधिक विश्वास स्थापित होगा। एक स्थिर सरकार नीति निर्माण और कार्यान्वयन में बेहतर प्रदर्शन करेगी।

    4. चुनावी थकावट कम होगी:
      बार-बार चुनाव कराने से जनता और चुनाव आयोग दोनों पर दबाव पड़ता है। एक चुनाव प्रणाली से यह बोझ कम होगा।

    कार्यक्रम का प्रभाव

    रजत विद्या मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाई। बच्चों ने यह समझा कि चुनाव केवल वोट देने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह देश की दिशा तय करने वाली प्रक्रिया है।

    कार्यक्रम के दौरान सवाल-जवाब सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्सुकतापूर्वक भाग लिया। उनके सवालों ने दिखाया कि आने वाली पीढ़ी लोकतंत्र और नागरिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशील और जागरूक है।

    विशेषज्ञों का दृष्टिकोण

    राजनीतिक और शैक्षणिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के लिए बेहद लाभकारी हैं।

    • शिक्षक और समाजशास्त्री डॉ. सविता मिश्रा ने कहा:

      “जब बच्चे छोटे उम्र में लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया की समझ प्राप्त करते हैं, तो वे भविष्य में जिम्मेदार नागरिक बनते हैं। ऐसे कार्यक्रम बच्चों में जागरूकता और नेतृत्व क्षमता विकसित करते हैं।”

    • अजय शर्मा ने भी जोर दिया कि स्कूल और समाज में इस तरह की पहल से लंबे समय तक सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

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