




एशिया कप 2025 को लेकर क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह के बीच पाकिस्तान ने अचानक टूर्नामेंट से बाहर होने की धमकी दे दी है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के शीर्ष अधिकारियों ने कहा है कि यदि उनके कुछ मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे एशिया कप से हट सकते हैं। इस कदम से वित्तीय नुकसान और एशिया कप में एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) पर असर की आशंका पैदा हो गई है।
PCB का कहना है कि टूर्नामेंट के शेड्यूल और भारत में मैचों के आयोजन में उनके हितों का पूरा ध्यान नहीं रखा गया। PCB ने कहा कि अगर उनकी सुरक्षा, आर्थिक और तकनीकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे एशिया कप से बाहर होने पर मजबूर हो सकते हैं।
PCB अध्यक्ष ने मीडिया से कहा –
“हमारे खिलाड़ियों की सुरक्षा और वित्तीय हित सबसे पहले हैं। अगर ACC ने हमारी चिंताओं को नजरअंदाज किया, तो हम एशिया कप से बाहर होने पर विचार करेंगे।”
पाकिस्तान के बाहर होने की स्थिति में एशिया कप आयोजकों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है। टिकट बिक्री, प्रसारण अधिकार और प्रायोजकों से मिलने वाली आय पर सीधे असर पड़ेगा। विश्लेषकों का अनुमान है कि केवल बीसीसीआई और ACC को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है।
एशिया कप एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) द्वारा आयोजित किया जाता है। पाकिस्तान की धमकी से ACC की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना एशियाई क्रिकेट की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर असर डाल सकती है।
भारत और अन्य देशों की टीमें अपनी तैयारी में लगी हैं। पाकिस्तान के बाहर होने की स्थिति में टूर्नामेंट का फॉर्मेट बदलना पड़ सकता है। इससे खिलाड़ियों की तैयारी, मैचों की रणनीति और प्रशंसकों की उम्मीदों पर असर पड़ेगा।
सोशल मीडिया पर फैंस और क्रिकेट विश्लेषक पाकिस्तान के इस कदम को लेकर मत विभाजित हैं। कुछ लोग इसे राजनीतिक दबाव मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि क्रिकेट को खेल के रूप में प्राथमिकता देनी चाहिए।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा –
“क्रिकेट राजनीति से ऊपर है। पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर होने का निर्णय सोच-समझ कर लेना चाहिए।”
पाकिस्तान की यह धमकी सिर्फ क्रिकेट का मामला नहीं, बल्कि एशिया कप की आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता से जुड़ा है। ACC और बीसीसीआई को जल्दी ही रणनीति बनानी होगी ताकि टूर्नामेंट सुचारु रूप से आयोजित हो सके और किसी तरह का वित्तीय नुकसान या विवाद टाला जा सके।
यह स्थिति क्रिकेट प्रेमियों और निवेशकों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई है। आने वाले दिनों में ACC के निर्णय और PCB के रुख पर पूरी दुनिया की नजरें लगी रहेंगी।