




जयपुर, राजस्थान – राजस्थान में भाजपा सरकार के कार्यकाल में आंगनबाड़ी केंद्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। पहले जहां ये केंद्र जर्जर भवनों और संसाधनों की कमी से जूझते थे, आज वही केंद्र स्मार्ट क्लास, पौष्टिक भोजन और आधुनिक सुविधाओं से लैस होकर बच्चों और माताओं के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इस बदलाव की जानकारी राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने साझा की।
डिप्टी सीएम ने बताया कि भाजपा सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया है। उनका कहना है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अब केंद्रों में केवल शिक्षा तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि पोषण, स्वास्थ्य और खेलकूद जैसी गतिविधियों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने कहा, “पहले जहां आंगनबाड़ी केंद्र पुराने भवनों और अपर्याप्त संसाधनों से जूझते थे, वहां अब आधुनिक स्मार्ट क्लास और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। बच्चों को डिजिटल लर्निंग उपकरणों के माध्यम से पढ़ाई का लाभ मिल रहा है। साथ ही, माताओं के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे वे बच्चों के विकास और पोषण के प्रति जागरूक हों।”
डिप्टी सीएम ने यह भी बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन सुनिश्चित किया गया है। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि हर बच्चे को सही समय पर पौष्टिक आहार मिल सके और उनकी शारीरिक एवं मानसिक विकास दर बेहतर हो। उन्होंने कहा कि यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।
राजस्थान सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए आधुनिक फर्नीचर, खेलकूद की सामग्री और डिजिटल शिक्षा उपकरण उपलब्ध कराए हैं। इसके अलावा, केंद्रों में साफ-सफाई और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। दीया कुमारी ने कहा कि यह केवल सुविधाओं का बदलाव नहीं है, बल्कि बच्चों और महिलाओं की जीवनशैली में सुधार का भी बड़ा कदम है।
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र केवल बच्चों के लिए ही नहीं हैं, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण का भी प्रतीक हैं। केंद्रों में महिलाओं को रोजगार, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जा रही है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में पिछले तीन वर्षों में लगभग 10,000 आंगनबाड़ी केंद्रों का आधुनिकीकरण किया गया है। इसके तहत स्मार्ट क्लास, डिजिटल शिक्षण सामग्री, नई फर्नीचर और खेलकूद उपकरणों की व्यवस्था की गई है। इन कदमों से न केवल बच्चों की शिक्षा में सुधार हुआ है, बल्कि माताओं में बच्चों की पोषण और देखभाल को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल राजस्थान में बाल विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों में शुरुआती उम्र से ही शिक्षा और पोषण को लेकर समझ विकसित हो रही है। यह कदम सरकार की दूरदर्शिता और बच्चों के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने यह भी कहा कि केंद्रों में बच्चों के लिए संगीत, नृत्य और खेल गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में मदद मिलती है, बल्कि उनकी सामाजिक और भावनात्मक क्षमता भी मजबूत होती है।
आंगनबाड़ी केंद्रों के सुधार का लाभ विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों और महिलाओं को मिल रहा है। पहले जहां बच्चों को उचित शिक्षा और पौष्टिक भोजन नहीं मिल पाता था, अब वही बच्चे सुरक्षित और बेहतर वातावरण में अपने प्रारंभिक वर्षों का विकास कर पा रहे हैं।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस पहल के बाद बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ी है और उनकी स्वास्थ्य संबंधी सूचनाओं में सुधार हुआ है। इसके साथ ही माताओं ने भी बच्चों की देखभाल और पोषण के प्रति जागरूकता दिखाई है।
डिप्टी सीएम ने अंत में कहा कि भाजपा सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के आधुनिकीकरण और बेहतर सेवाओं को लगातार बढ़ावा देगी। उनका कहना है कि भविष्य में और अधिक केंद्रों को स्मार्ट क्लास, डिजिटल शिक्षा और पौष्टिक भोजन जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा ताकि राजस्थान के हर बच्चे और महिला तक यह लाभ पहुंचे।
राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल बच्चों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं को सशक्त बनाने और समाज में शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर को बढ़ाने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।