




भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जारी टेस्ट मैच में ऐसा प्रदर्शन किया जिसे क्रिकेट प्रेमी लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे। भारतीय बल्लेबाजों ने पहली पारी में मात्र डेढ़ दिन के खेल में ही 518 रन ठोक डाले। यह प्रदर्शन भारतीय बल्लेबाजी की गहराई और क्लास दोनों को साबित करता है। इस पारी की सबसे बड़ी खासियत रही युवा बल्लेबाजों की जिम्मेदार और आक्रामक पारी।
भारतीय पारी की नींव यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल की जोड़ी ने रखी। दोनों ने शानदार तालमेल के साथ वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की जमकर खबर ली। जायसवाल ने अपने करियर का एक और शानदार शतक जड़ा। उन्होंने 162 गेंदों पर ताबड़तोड़ रन बनाते हुए मैदान में हर दिशा में शॉट्स लगाए। वहीं, शुभमन गिल ने अपने धैर्य और तकनीक का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 137 रनों की पारी खेली।
गिल की बल्लेबाजी में परिपक्वता और क्लास साफ झलक रही थी। उन्होंने मैदान के चारों ओर बाउंड्री लगाकर टीम की स्थिति मजबूत की। दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 250 से ज्यादा रनों की साझेदारी कर टीम को बेहतरीन शुरुआत दी।
ओपनरों के शानदार प्रदर्शन के बाद साई सुदर्शन ने मध्यक्रम में आकर विपक्षी टीम की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया। उन्होंने अपनी डेब्यू टेस्ट पारी में ही शतक जड़कर भारतीय क्रिकेट के भविष्य का संकेत दे दिया। सुदर्शन की यह पारी तकनीक और आत्मविश्वास का अद्भुत मिश्रण थी। उन्होंने 145 गेंदों में 104 रन बनाए और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को पूरी तरह थका दिया।
भारतीय बल्लेबाजों के इस तूफानी प्रदर्शन ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की परीक्षा ले ली। कोई भी गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना पाया। उनके स्पिन और पेस दोनों ही आक्रमण को जायसवाल, गिल और सुदर्शन ने बखूबी नेस्तनाबूद कर दिया। वेस्टइंडीज की फील्डिंग भी कई मौकों पर कमजोर दिखी, जिससे भारतीय बल्लेबाजों को और मौके मिले।
डेढ़ दिन में 518 रन का स्कोर भारतीय टेस्ट इतिहास के तेज़ स्कोरों में से एक है। इससे पहले भारत ने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐसे स्कोर बनाए थे, लेकिन यह प्रदर्शन इसलिए खास है क्योंकि इसमें तीन युवा बल्लेबाजों ने शतक जमाए।
भारतीय कप्तान ने मैच के बाद कहा, “हमारी नई पीढ़ी अब डरती नहीं है। ये खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और किसी भी परिस्थिति में खेल का रुख मोड़ सकते हैं। जायसवाल, गिल और सुदर्शन का प्रदर्शन आने वाले सालों के लिए एक मिसाल है।”
इतने बड़े स्कोर के बाद वेस्टइंडीज पर अब भारी दबाव है। उनकी पहली पारी की शुरुआत भी खराब रही, जहां शुरुआती विकेट जल्द ही गिर गए। भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत से ही सटीक लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी की, जिससे कैरिबियाई बल्लेबाजों के लिए टिके रहना मुश्किल हो गया।