




मराठी सिनेमा ने एक बार फिर अपनी मजबूती और लोकप्रियता साबित कर दी है। 12 सितंबर 2025 को तीन मराठी फिल्मों का एक साथ प्रदर्शन हुआ और रिलीज़ के पहले ही सप्ताहांत में दर्शकों का इतना उत्साह देखने को मिला कि कई सिनेमाघरों में हाउसफुल बोर्ड लग गए। थिएटर मालिकों को मांग को देखते हुए शो की संख्या चार गुना बढ़ानी पड़ी।
यह नज़ारा इस बात का सबूत है कि मराठी फिल्मों के प्रति दर्शकों का लगाव लगातार बढ़ रहा है और मराठी सिनेमा का स्वर्णिम दौर लौटता हुआ दिखाई दे रहा है।
इस शुक्रवार रिलीज़ हुई तीनों फिल्मों ने अलग-अलग विषयों पर आधारित कहानियों के जरिए दर्शकों को प्रभावित किया। एक फिल्म ने पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों की गहराई को दर्शाया। दूसरी फिल्म ने युवाओं की चुनौतियों और संघर्षों पर ध्यान केंद्रित किया। तीसरी फिल्म में मनोरंजन और हास्य का तड़का लगाकर दर्शकों को बांधे रखा। तीनों फिल्मों की शैली भिन्न होने के बावजूद दर्शकों ने इन्हें खुले दिल से स्वीकार किया और यह बात स्पष्ट हो गई कि मराठी दर्शकों की पसंद विविध है।
फिल्म ट्रेड विश्लेषकों के अनुसार, इन तीन फिल्मों ने पहले ही वीकेंड में रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। कई सिनेमाघरों में टिकटों की एडवांस बुकिंग सप्ताह की शुरुआत में ही पूरी हो चुकी थी। कई सिनेमा हॉल्स में एक ही दिन में 5 से 6 अतिरिक्त शो जोड़े गए। मुंबई, पुणे, नागपुर और कोल्हापुर जैसे शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली। बॉक्स ऑफिस पर मिली यह जबरदस्त ओपनिंग मराठी सिनेमा के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
सिनेमा हॉल के बाहर लंबी कतारें और थिएटर के भीतर गूंजती तालियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि दर्शक मराठी फिल्मों को बड़े परदे पर देखने के लिए बेताब हैं।
कई दर्शकों ने कहा कि मराठी फिल्मों की कहानी कहने की शैली, सादगी और भावनाओं की गहराई ही उन्हें बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों से अलग बनाती है।
थिएटर मालिकों ने भी राहत की सांस ली है। पिछले कुछ समय से सिनेमा हॉल्स को कम दर्शकों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन इस बार हॉल्स खचाखच भरे दिखे।
कई मालिकों का कहना है कि मराठी फिल्मों की लोकप्रियता अब बॉलीवुड और क्षेत्रीय फिल्मों को कड़ी टक्कर देने लगी है।
मराठी सिनेमा हमेशा से अपनी सशक्त कहानियों, गहन भावनाओं और सामाजिक संदेशों के लिए जाना जाता है। जहां हिंदी और अंग्रेज़ी फिल्में अक्सर भव्यता और बड़े बजट पर निर्भर रहती हैं, वहीं मराठी फिल्में अपनी सादगी और वास्तविकता से दर्शकों का दिल जीत लेती हैं। पिछले कुछ वर्षों में मराठी फिल्मों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।
तीनों फिल्मों की सफलता ने मराठी फिल्म इंडस्ट्री को नई ऊर्जा दी है। निर्माताओं और निर्देशकों का विश्वास बढ़ा है कि दर्शक अच्छी और प्रासंगिक कहानियों के लिए हमेशा थिएटर तक आएंगे। कलाकारों और तकनीशियनों के लिए यह अवसर है कि वे मराठी सिनेमा के दायरे को और व्यापक बना सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह ट्रेंड जारी रहा तो आने वाले समय में मराठी फिल्मों के निवेश और बजट में भी वृद्धि होगी।
12 सितंबर को रिलीज़ हुई तीन मराठी फिल्मों की शानदार सफलता ने यह साबित कर दिया कि मराठी सिनेमा केवल क्षेत्रीय मनोरंजन तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक मजबूत सांस्कृतिक आंदोलन का हिस्सा बन चुका है।
हाउसफुल शो और चार गुना बढ़े हुए प्रदर्शनों ने इंडस्ट्री और दर्शकों दोनों को नया आत्मविश्वास दिया है।
मराठी सिनेमा की यह उपलब्धि आने वाले समय में इसे और ऊँचाइयों तक ले जाएगी। यह न केवल महाराष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ा रही है बल्कि भारतीय सिनेमा को भी नई दिशा दे रही है।