




नाशिक, महाराष्ट्र – शहर में बढ़ती ट्रैफिक स्पीड और सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से नाशिक नगर निगम (Nashik Municipal Corporation – NMC) ने एक नई योजना तैयार की है। निगम की योजना है कि शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों और आवासीय इलाकों में 450 नए स्पीड ब्रेकर लगाए जाएँ, ताकि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिल सके और यातायात दुर्घटनाओं में कमी आए।
यह प्रस्ताव आने वाली रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में पेश किया जाएगा, जहां इसकी मंजूरी मिलने के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। नगर निगम का कहना है कि यह कदम विशेष रूप से उन क्षेत्रों में उठाया जा रहा है, जहां लगातार हादसे या ओवरस्पीडिंग की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
नाशिक शहर में बीते कुछ वर्षों में तेज रफ्तार वाहनों और बढ़ते ट्रैफिक दबाव के कारण सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। शहर के पंचवटी, कॉलेज रोड, गंगापुर रोड, अंबड, सतपुर और मालेगांव रोड जैसे इलाकों में हादसों के आंकड़े विशेष रूप से चिंता का विषय बने हुए हैं। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने सड़क सुरक्षा को लेकर यह बड़ा निर्णय लिया है।
नगर निगम के सड़क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “हमने पिछले छह महीनों में ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय नागरिकों से फीडबैक लिया। इसके आधार पर हमने उन स्थानों की पहचान की है जहां स्पीड ब्रेकर की अत्यधिक आवश्यकता है। योजना के तहत इन स्पॉट्स पर स्टैंडर्ड डिजाइन के अनुसार स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे, ताकि वे वाहन चालकों के लिए सुरक्षित हों और वाहनों को नुकसान भी न पहुंचे।”
इन नए स्पीड ब्रेकरों को भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार बनाया जाएगा। हर स्पीड ब्रेकर की ऊँचाई, चौड़ाई और ढलान को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तय किया जाएगा। नाशिक नगर निगम का उद्देश्य है कि सुरक्षा बढ़े, लेकिन लोगों को अनावश्यक असुविधा न हो।
प्रशासन के अनुसार, इस परियोजना के लिए लगभग ₹3.5 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है। निगम का इरादा है कि पहले चरण में स्कूलों, अस्पतालों और आवासीय कॉलोनियों के आसपास के इलाकों में स्पीड ब्रेकर लगाए जाएँ। इसके बाद मुख्य बाजार और औद्योगिक मार्गों पर कार्य किया जाएगा।
नाशिक ट्रैफिक पुलिस ने भी इस योजना का समर्थन किया है। पुलिस विभाग ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण तेज गति से चलने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहन हैं। स्पीड ब्रेकरों के माध्यम से ऐसे चालकों की रफ्तार पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
स्थानीय नागरिकों ने इस पहल का स्वागत किया है। पंचवटी क्षेत्र के निवासी शरद देशमुख ने कहा, “हमारे इलाके में आए दिन बच्चे और बुजुर्ग सड़क पार करते समय हादसे का शिकार होते हैं। अगर निगम समय रहते स्पीड ब्रेकर लगाता है, तो यह बड़ी राहत की बात होगी।”
वहीं कुछ नागरिकों ने यह भी सुझाव दिया है कि स्पीड ब्रेकरों के साथ रिफ्लेक्टिव पेंटिंग और चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाएं ताकि रात के समय ड्राइवर उन्हें स्पष्ट रूप से देख सकें। इस पर निगम के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि हर स्पीड ब्रेकर के दोनों ओर रिफ्लेक्टिव स्ट्रिप्स और साइनबोर्ड लगाए जाएंगे।
नाशिक नगर निगम की यह योजना शहर में सड़क सुरक्षा को लेकर व्यापक जागरूकता लाने के प्रयासों का हिस्सा है। प्रशासन पहले ही स्कूलों और कॉलेजों में “सड़क सुरक्षा सप्ताह” के तहत कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। इसके अतिरिक्त, निगम ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से एक “सेफ ड्राइव, सेव लाइफ” अभियान भी शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
नगर निगम के आयुक्त ने बताया कि यह योजना सिर्फ सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है। भविष्य में शहर में स्मार्ट ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की भी योजना है, जिससे स्पीड कैमरे और सिग्नल ऑटोमेशन के जरिए ओवरस्पीड वाहनों की पहचान की जा सकेगी।
आने वाले महीनों में इस योजना के क्रियान्वयन से नाशिक की सड़कों पर न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यातायात व्यवस्था में भी सुधार देखने को मिलेगा। निगम उम्मीद कर रहा है कि नागरिक भी इन प्रयासों में सहयोग करेंगे और यातायात नियमों का पालन करेंगे।
शहर में लगातार बढ़ रही जनसंख्या और वाहनों की संख्या को देखते हुए यह कदम बेहद आवश्यक था। नाशिक नगर निगम की यह पहल आने वाले समय में अन्य महानगरपालिकाओं के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।
नागरिकों से अपील की गई है कि वे सड़क सुरक्षा को लेकर सजग रहें, निर्धारित गति सीमा का पालन करें और बच्चों तथा बुजुर्गों को सड़क पार करने में सहायता करें।
नगर निगम के अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि पुराने और क्षतिग्रस्त स्पीड ब्रेकरों की मरम्मत भी इस परियोजना के हिस्से के रूप में की जाएगी, ताकि शहर के सभी मार्ग समान रूप से सुरक्षित बन सकें।
नाशिक नगर निगम की इस योजना से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में सड़क हादसों की दर में उल्लेखनीय गिरावट आएगी और नाशिक एक “सुरक्षित सड़क शहर” (Safe Roads City) के रूप में उभरेगा।