




पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने बढ़ाई सुरक्षा, 581 कंपनियां तैनात, जैमर, RFID और सैटेलाइट फोन से लैस रहेगा काफिला।
श्रीनगर, 5 जून 2025: इस वर्ष अमरनाथ यात्रा की अवधि घटा दी गई है। अब यह यात्रा 52 की बजाय केवल 38 दिन चलेगी। यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त को समाप्त होगी। सरकार ने यह निर्णय मौसम की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए लिया है, हालांकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा के व्यापक इंतजाम भी किए गए हैं।
अब पहले से ज्यादा सख्त सुरक्षा व्यवस्था
हाल ही में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 मई को एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तीर्थयात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए।
१. इस यात्रा में 581 अर्धसैनिक बलों की कंपनियां, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के जवान तैनात रहेंगे।
२. हर यात्री और पोनी राइडर का डिजिटल आईडी कार्ड बनेगा।
३. काफिलों में जैमर, RFID ट्रैकिंग सिस्टम और सैटेलाइट फोन की सुविधा होगी।
४. CRPF DG ने खुद जाकर पहलगाम रूट की सुरक्षा समीक्षा की है।
यात्रा से पहले पूरी हुई डिजिटल मैपिंग और सुरक्षा ऑडिट
CRPF और अन्य एजेंसियों ने सभी यात्रा रूट्स की डिजिटल मैपिंग और सिक्योरिटी ऑडिट पूरी कर ली है। इस बार यात्रा के दौरान डेडिकेटेड PCR वैन और निगरानी टीमों की भी व्यवस्था की गई है।
गृहमंत्री ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर भी दिया जोर
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण और सुरक्षित होगी।”
उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा: “अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का मूल्यांकन किया। अत्यधिक सतर्कता बनाए रखने और पवित्र यात्रा को निर्बाध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए।”
यात्रा अवधि कम होने की वजह
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अमरनाथ यात्रा की अवधि कम करने का फैसला सुरक्षा कारणों से नहीं बल्कि मौसम की अनुकूलता के आधार पर लिया गया है। पहलगाम हमला इस फैसले के बाद हुआ था, इसलिए सुरक्षा का इससे कोई सीधा संबंध नहीं है।
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