




भारत में बनी स्विफ्ट पर नहीं पड़ेगा कोई असर, चीन के फैसले से वैश्विक ऑटो इंडस्ट्री में हलचल।
नई दिल्ली: जापान में मारुति सुजुकी स्विफ्ट (Maruti Suzuki Swift) का प्रोडक्शन जल्द ही बंद होने जा रहा है। साल 2026 के मई से जापान में इस लोकप्रिय हैचबैक कार का निर्माण बंद किया जाएगा।
इस फैसले के पीछे मुख्य वजह चीन द्वारा 7 रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REEs) के निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध माना जा रहा है। इससे न केवल जापानी ऑटोमोबाइल सेक्टर, बल्कि पूरी वैश्विक सप्लाई चेन में हलचल मच गई है।
कौन-कौन से REEs के निर्यात पर लगी है रोक?
१. चीन ने सैमेरियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और यिट्रियम जैसे 7 रेयर अर्थ एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है।
२. ऑटोमोबाइल, डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में इन तत्वों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।
३. इनकी सप्लाई बाधित होने से उत्पादन लागत और सप्लाई चेन प्रबंधन दोनों पर असर पड़ सकता है।
भारत में बनी स्विफ्ट को कोई खतरा नहीं
मारुति सुजुकी इंडिया ने साफ कर दिया है कि भारत में बनी स्विफ्ट के प्रोडक्शन पर इसका कोई असर नहीं होगा।
१. कंपनी के प्रवक्ता ने बयान दिया, “जापान में प्रोडक्शन बंद होने की खबर है, भारत में नहीं।”
२. इससे पहले कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट अफेयर्स) राहुल भारती भी कह चुके हैं कि चीन के इस फैसले का भारत में असर नगण्य रहेगा।
भारत के पास REEs का पर्याप्त भंडार
१. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के पास पर्याप्त मात्रा में REEs के भंडार मौजूद हैं।
२. हालांकि, भारत में इनका प्रोसेसिंग और एक्सट्रैक्शन टेक्नोलॉजी अभी पूरी तरह विकसित नहीं है, इसलिए आयात पर निर्भरता बनी हुई है।
३. भविष्य में चीन के इस कदम के चलते भारत और जापान जैसे देश आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं।
चीन है 90% REEs का ग्लोबल सप्लायर
१. दुनिया भर में 90% से अधिक REEs की सप्लाई चीन से होती है।
२. निक्केई बिजनेस डेली के मुताबिक, चीन के इस फैसले के बाद जापान, अमेरिका के साथ मिलकर नई सप्लाई स्ट्रेटेजी पर काम करने की योजना बना रहा है।
३. इसका मकसद चीन पर निर्भरता को कम करना और अपने क्रिटिकल मिनरल्स तक सीधी पहुंच सुनिश्चित करना है।
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