




मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और अमेरिकी महंगाई दर में गिरावट के चलते सोने की कीमतों में आई जोरदार तेजी, जानिए अगले 12 महीने में कहां तक पहुंच सकता है गोल्ड का भाव।
गोल्ड प्राइस: सोना एक बार फिर 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर गया है। दिल्ली में शुक्रवार को सोना करीब ₹2,200 की उछाल के साथ ₹1,01,540 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इस जबरदस्त तेजी के पीछे कई वैश्विक फैक्टर्स हैं, जिनमें प्रमुख है मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव, अमेरिका में कम होती महंगाई और फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती।
वैश्विक संकट और सोना की कीमत में उछाल:
22 अप्रैल को पहली बार सोना ₹1 लाख पार कर चुका था और अब यह दूसरी बार इस स्तर पर पहुंचा है।
इस उछाल के पीछे कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जिम्मेदार हैं –
१. इजरायल-ईरान संघर्ष
२. यूक्रेन युद्ध
३. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
४. डॉलर में कमजोरी की आशंका
इन सभी वजहों से निवेशकों का भरोसा सोने में बढ़ा है क्योंकि यह पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद:
हाल ही में अमेरिका में महंगाई दर के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे अपेक्षाकृत कम हैं। ऐसे में फेडरल रिजर्व द्वारा निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है।
ब्याज दर में कटौती का मतलब होता है –
१. डॉलर कमजोर होगा
२. निवेशक सोने की ओर रुख करेंगे
३. और नतीजतन, सोने की कीमत और चढ़ेगी
एक साल में कहां जा सकता है सोना?
बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि 2025 के भीतर सोना $4,000 प्रति औंस तक पहुंच सकता है। वहीं, गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि अगर वैश्विक सेंट्रल बैंक सोने की खरीद जारी रखते हैं तो 2025 के अंत तक सोना $3,700 प्रति औंस और 2026 तक $4,000 प्रति औंस तक जा सकता है।
इसका मतलब यह है कि भारत में भी सोने की कीमत ₹1.2 लाख से ऊपर जा सकती है, यदि डॉलर-रुपया विनिमय दर और टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता।
क्या करें निवेशक?
विशेषज्ञों की मानें तो यदि आप दीर्घकालिक निवेशक हैं और जोखिम से बचाव चाहते हैं, तो Sovereign Gold Bond (SGB), डिजिटल गोल्ड या ETF जैसे विकल्पों के ज़रिए गोल्ड में निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
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