




पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी का बड़ा दावा— अगर अंडमान में गयाना जैसा कच्चे तेल का भंडार मिला, तो भारत बन सकता है ऊर्जा निर्यातक देश।
नई दिल्ली: जब पूरी दुनिया ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की संभावनाओं और उससे उत्पन्न होने वाले ऊर्जा संकट से चिंतित है, तब भारत के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर सामने आई है। भारत के अंडमान सागर में एक विशाल कच्चे तेल के भंडार की खोज की संभावना जताई गई है। यदि यह अनुमान सही साबित होता है, तो भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है।
85% तेल आयात करता है भारत
फिलहाल भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का करीब 85% कच्चा तेल आयात करता है। इसमें मुख्य रूप से रूस, अमेरिका और खाड़ी देश शामिल हैं। तेल आयात के मामले में भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरे स्थान पर है।
ईरान-इजरायल युद्ध के डर से फिलहाल कच्चे तेल की कीमतों में उछाल की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पश्चिम एशिया में हालात नहीं सुधरे तो क्रूड ऑयल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं।
मंत्री हरदीप पुरी का बड़ा बयान
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि भारत अंडमान सागर में एक बड़े तेल भंडार की खोज की कगार पर है। उन्होंने इसकी तुलना दक्षिण अमेरिकी देश गयाना में हुए बड़े तेल खोज से की है।
गौरतलब है कि गयाना इस समय दुनिया के 17वें सबसे बड़े तेल भंडार वाले देश के रूप में जाना जाता है, जहां अनुमानित 11.6 अरब बैरल कच्चा तेल और गैस मौजूद है।
20 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का रास्ता?
हरदीप पुरी का कहना है कि अगर गयाना जैसी खोज भारत में हुई तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इससे भारत एक ऊर्जा उत्पादक और निर्यातक देश बन जाएगा, जो वैश्विक ऊर्जा मानचित्र पर भारत की स्थिति को बदल कर रख देगा।
क्या बदलेगा भारत का भविष्य?
यदि अंडमान में तेल भंडार की खोज सफल होती है, तो भारत की विदेशी तेल पर निर्भरता में भारी गिरावट आएगी। इससे न केवल डॉलर की बचत होगी बल्कि देश में रोजगार, निवेश, और इन्फ्रास्ट्रक्चर का नया युग शुरू हो सकता है।
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