




WPI घटकर 2.13% पर पहुंचा, आलू, प्याज, सब्जियों की महंगाई में भारी गिरावट; मैन्युफैक्चरिंग और फ्यूल सेगमेंट में भी नरमी।
नई दिल्ली: भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है। देश की थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (WPI) मई 2025 में घटकर 2.13 प्रतिशत पर आ गई है, जो पिछले 14 महीनों का सबसे निचला स्तर है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण देखने को मिली है।
खाद्य वस्तुएं सस्ती हुईं, आलू और प्याज के दाम में बड़ी गिरावट
मई महीने में खाद्य महंगाई दर 2.55% से घटकर 1.72% पर पहुंच गई। विशेष रूप से आलू की थोक महंगाई -24.30% से घटकर –29.42% पर आ गई है, जबकि प्याज की महंगाई 0.20% से गिरकर -14.41% हो गई है। सब्जियों की महंगाई -18.26% से घटकर –21.62% तक आ गई है।
इसके अतिरिक्त, मांस, मछली और अंडे की थोक महंगाई -0.29% से घटकर -1.01% पर पहुंची है, जिससे उपभोक्ताओं को और राहत मिल सकती है।
मैन्युफैक्चरिंग और फ्यूल सेगमेंट में भी नरमी
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई 2.62% से घटकर 2.04% पर दर्ज की गई है, वहीं ईंधन और पावर सेगमेंट की WPI -2.18% से गिरकर -2.27% पर पहुंच गई है।
यह गिरावट उत्पादन लागत में राहत का संकेत देती है, जो आगे चलकर उपभोक्ता वस्तुओं के दामों को स्थिर रखने में सहायक हो सकती है।
खुदरा महंगाई भी 6 साल के न्यूनतम स्तर पर
सरकार द्वारा 12 जून को जारी खुदरा महंगाई दर (CPI) के आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में खुदरा महंगाई 2.82% पर आ गई, जो पिछले छह वर्षों का सबसे निचला स्तर है।
मार्च 2025 में यह 3.34%
अप्रैल 2025 में 3.16% दर्ज की गई थी।
अब यह दर 2019 के बाद सबसे कम देखी गई है।
GDP में स्थिरता, आगे भी अच्छी ग्रोथ की उम्मीद
महंगाई के गिरते रुझान के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में GDP ग्रोथ 7.4% रही है, जबकि पूरे वर्ष के लिए अनुमानित ग्रोथ 6.5% से भी ज्यादा रही। आने वाले वित्त वर्ष 2026 के लिए 6.2% की ग्रोथ की उम्मीद जताई जा रही है।
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