




दोनों उद्योगपतियों के बीच हुई ऐतिहासिक डील से ग्राहकों को एक ही स्टेशन पर मिलेगा पेट्रोल, डीजल और CNG – फ्यूल सेक्टर में नई क्रांति की शुरुआत!
बिज़नेस न्यूज़: भारत के दो सबसे बड़े उद्योगपतियों मुकेश अंबानी और गौतम अडानी एक बार फिर साथ आए हैं। इस बार उनका गठबंधन ऑटोमोटिव फ्यूल मार्केट में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है।
रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड (Jio-bp) और अडानी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL) के बीच हुई एक बड़ी रणनीतिक डील से देश भर में पेट्रोल, डीजल और CNG की उपलब्धता और सुगमता दोनों बढ़ेगी।
डील का उद्देश्य और फायदा
इस समझौते के तहत:
१. ATGL के पेट्रोल पंपों पर Jio-bp का पेट्रोल और डीजल उपलब्ध कराया जाएगा।
२. वहीं, Jio-bp के पेट्रोल पंपों पर ATGL के CNG स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
३. इस सहयोग से ग्राहकों को एक ही स्टेशन पर तीनों फ्यूल विकल्प मिलेंगे—पेट्रोल, डीजल और CNG, जिससे न केवल सुविधा बढ़ेगी बल्कि ईंधन की उपलब्धता भी बेहतर होगी।
कितने पेट्रोल पंप और स्टेशन होंगे कवर?
१. Jio-bp के पास देशभर में 1,972 पेट्रोल पंप हैं।
२. ATGL के पास 650 से अधिक CNG स्टेशन हैं।
३. अब ये सभी आउटलेट इस साझेदारी का हिस्सा बनेंगे, और भविष्य में बनने वाले नए आउटलेट्स को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
इससे पहले भी साथ आ चुके हैं दोनों दिग्गज
यह पहली बार नहीं है जब अडानी और अंबानी किसी परियोजना में एक साथ आए हैं। मार्च 2025 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अडानी पावर के मध्य प्रदेश स्थित एक पावर प्रोजेक्ट में 26% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके साथ ही 500 मेगावाट बिजली खरीदने का भी करार हुआ था।
रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में अलग-अलग रास्ते, लेकिन समान लक्ष्य
हालांकि दोनों दिग्गजों की कंपनियां अलग-अलग क्षेत्रों में अग्रणी हैं, फिर भी दोनों का फोकस अब ग्रीन एनर्जी और स्वच्छ भविष्य पर है:
१. अडानी ग्रुप गुजरात में 30 गीगावाट की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क बना रहा है।
२. वहीं रिलायंस जामनगर में ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर पैनल, बैटरियां और फ्यूल सेल के लिए चार गीगाफैक्ट्रीज़ बना रही है।
क्या कहती है इंडस्ट्री?
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह डील केवल फ्यूल उपलब्धता ही नहीं, बल्कि भारत में मल्टी-एनर्जी इनोवेशन को आगे ले जाने का एक मजबूत संकेत है। यह साझेदारी दर्शाती है कि देश के दो सबसे बड़े बिजनेस हाउस प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग से आगे बढ़ने का रास्ता अपना रहे हैं।
अंबानी और अडानी के इस गठबंधन से न सिर्फ उनकी कंपनियों को लाभ होगा, बल्कि देश के करोड़ों ग्राहकों को भी राहत मिलेगी। आने वाले समय में यह डील भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर में बड़े बदलाव की नींव रख सकती है।
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