




एशिया कप सितंबर 2025 में टी20 प्रारूप में खेला जाएगा। सुनील गावस्कर ने दावा किया है कि बीसीसीआई पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर कर सकता है, जिसकी सह-मेजबानी भारत और श्रीलंका करेंगे।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी। 28 पर्यटक मारे गए और कई घायल हो गए। इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की जानकारी सामने आने के बाद भारत सरकार ने अब पाकिस्तान के खिलाफ बड़े कदम उठाए हैं। अब बीसीसीआई पहलगाम हमले का बदला भी ले सकता है। एशिया कप सितंबर 2025 में टी20 प्रारूप में खेला जाएगा। सुनील गावस्कर ने दावा किया है कि बीसीसीआई पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर कर सकता है, जिसकी सह-मेजबानी भारत और श्रीलंका करेंगे।
बीसीसीआई पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करेगा:
सुनील गावस्कर कहते हैं, ‘पहलगाम हमले के बाद कई चीजें बदल गई हैं। इस प्रकार, एशिया कप में पाकिस्तान की भागीदारी अब लगभग असंभव मानी जा रही है। बीसीसीआई ने हमेशा भारत सरकार के आदेशों का पालन किया है। एशिया कप के आयोजन के संबंध में भी कुछ ऐसा ही देखा जा सकता है।
गावस्कर ने कहा, ‘बीसीसीआई हमेशा वही करता है जो भारत सरकार उसे करने को कहती है।’ इसलिए मुझे नहीं लगता कि एशिया कप को लेकर कोई बदलाव होगा। एशिया कप के इस संस्करण की मेजबानी भारत और श्रीलंका द्वारा की जा रही है। इसलिए मैं अब पाकिस्तान को एशिया कप का हिस्सा बनते नहीं देखता।” लेकिन यह कहते हुए गावस्कर ने यह भी कहा कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि अगले दो महीनों में दोनों देशों के बीच रिश्ते कैसे विकसित होते हैं।
गावस्कर ने एसीसी के बारे में क्या कहा?
सुनील गावस्कर के अनुसार, यदि पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर होना है तो एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) को भंग करना होगा। इसका मतलब यह है कि एसीसी का भविष्य भी खतरे में है और अगर दोनों देशों के बीच ये रिश्ते नहीं सुधरे तो एसीसी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। गावस्कर का कहना है कि यह टूर्नामेंट एशिया कप की जगह सिर्फ 3 या 4 देशों में खेला जा सकता है।
गावस्कर ने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता कि यह कैसे होगा। शायद एसीसी को भंग करना पड़े और केवल तीन देशों का दौरा हो, जिसमें केवल तीन देश ही इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर सकें। अथवा प्रतियोगिता चार देशों में आयोजित की जा सकती है, जिसमें हॉंगकॉंग या संयुक्त अरब अमीरात शामिल हो सकते हैं। लेकिन यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि अगले दो महीनों में भारत-पाकिस्तान संबंध किस प्रकार विकसित होते हैं।