• Radio Play
  • Nominate Now

    आज हो जाएगा पाकिस्तान की किस्मत का फैसला- अगर IMF से नहीं मिला लोन तो भूख से मरने की आ जाएगी नौबत।

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    आज आईएमएफ क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 बिलियन डॉलर (करीब 11,000 करोड़ रुपये) के लोन की समीक्षा करेगा.

    आज का दिन पाकिस्तान के लिए बहुत अहम है. भारत के साथ जारी सैन्य कार्रवाई के बीच आज इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) पाकिस्तान को दिए जा रहे लोन का रिव्यू करेगा.

    इस सिलसिले में पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ आईएमएफ के कार्यकारी अधिकारियों की बैठक होने वाली है, जिस पर भारत की पैनी नजर है और अब भारत पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर और घेरने की तैयारी में है. इस बैठक में भारत के कार्यकारी निदेशक देश की तरफ से अपना पक्ष रखेंगे, जिसमें पाकिस्तान को दिए जाने वाले 1.3 बिलियन डॉलर के लोन पर चर्चा की जाएगी.

    IMF के फैसले पर टिकी दुनिया की नजर
    विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री से जब एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान को दिए जाने वाले आईएमएफ लोन के बारे में भारत के रुख के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”आईएमएफ में हमारे पास एक कार्यकारी निदेशक हैं. कल (शुक्रवार) आईएमएफ के बोर्ड की बैठक है और मुझे यकीन है कि हमारे कार्यकारी निदेशक भारत का पक्ष रखेंगे.” मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आज 9 मई को भारत की तरफ से पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग पर अपना पक्ष रखेंगे.

    पाकिस्तान को IMF से मिलना है इतना कर्ज
    बता दें कि आज होने वाली बैठक में पाकिस्तान को क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत आईएमएफ से 1.3 बिलियन डॉलर (करीब 11,000 करोड़ रुपये) का कर्ज मिलना है, इसकी रिव्यू की जाएगी. इसके अलावा, 7 बिलियन डॉलर के एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) प्रोग्राम के जरिए पाकिस्तान को दिए जा रहे बेलआउट पैकेज की भी रिव्यू होगी. इसकी पहली किश्त पहले ही पाकिस्तान को दी जा चुकी है और अब बाकी के 6 बिलियन डॉलर आने वाले 37 महीनों में दिए जाने हैं.

    IMF को सोच-समझकर लेना होगा फैसला
    मिस्त्री ने आगे कहा, ”IMF के बोर्ड मेंबर्स को तथ्यों के आधार पर फैसला लेना होगा. बोर्ड का फैसला एक अलग मामला है क्योंकि इसे एक प्रक्रिया के माध्यम से लिया जाता है. लेकिन मुझे लगता है कि पाकिस्तान के मामले में उनको खुद ही पता होना चाहिए, जिस देश को बचाने के लिए वे दिल खोलकर अपनी जेबें खोलते हैं. पिछले तीन दशकों में कई आईएमएफ बेलआउट प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है. इनमें से कितने कार्यक्रम सफलतापूर्वक अपने नतीजे पर पहुंचे- शायद बहुत से नहीं. इसलिए मेरा ऐसा मानना ​​है कि यह एक ऐसा फैसला है, जो बोर्ड के सदस्यों को अपने अंदर गहराई से झांककर और तथ्यों को खंगालकर लेना होगा.”

    बता दें कि बेलआउट प्रोग्राम एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए IMF या बैंक किसी देश की डूबती इकोनॉमी या कंपनी को उबारने के लिए लोन देता है. पाकिस्तान अब तक आईएमएफ के सामने 24 बार हाथ फैला चुका है. इधर, भारत सरकार IMF सहित कई अन्य एजेंसियों से पाकिस्तान को दी जा रही फंडिंग या लोन पर दोबारा गहराई से सोचने और इसे ग्रे लिस्ट में डालने का आग्रह कर रही है.

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    HPBOSE 10वीं रिजल्ट 2025 घोषित: मार्कशीट ऐसे करें चेक, टॉपर बनीं शाईना ठाकुर।

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। हिमाचल बोर्ड 10वीं रिजल्ट 2025 जारी, 79.08% स्टूडेंट्स हुए पास। हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HPBOSE) ने 10वीं कक्षा…

    Continue reading
    SBI CBO भर्ती 2025: ग्रेजुएट युवाओं के लिए 2600 पदों पर सरकारी नौकरी का शानदार मौका।

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सर्कल बेस्ड ऑफिसर के 2600 पदों पर वैकेंसी, जल्दी करें आवेदन। यदि आप बैंक में…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *