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    भारत में किसके पास है परमाणु बम का रिमोट कंट्रोल, प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति या सेना?

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    पाकिस्तान, भारत को परमाणु हमले की धमकी दे रहा है. ऐसे में यहां यह जानना जरूरी है कि भारत में परमाणु बम की कमान किसके हाथ में रहती है.

    पाकिस्तान ने हाल ही में जो भारत को पहलगाम की सूरत में ताजा जख्म दिए हैं, जिन 26 घरों के चिराग बुझाए हैं, वो शायद ही कभी भर पाएं. करीब आठ दशक हो चुके हैं, जब पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के लिए भारत को लहूलुहान कर रहा है. यही वजह है कि शायद कभी भी सरहद पर सुकून नहीं रहा. कश्मीर जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है वह हमेशा से पाकिस्तान की आंखों में खटकता रहा है. पाक हमेशा से उस पर कब्जे की फिराक में रहा है.

    हाल ही में जो हमला हुआ उसके बाद भारत ने कुछ कड़े फैसले लिए जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ दुनिया से मदद की भीख मांग रहा है. इसके अलावा पाक से परमाणु हमले की भी धमकी आई है. इस कायराना घटना के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका जताई जा रही है. परमाणु हमले की बात उठी है, तो यहां पर यह जानने वाली बात है कि आखिर भारत में परमाणु हथियारों का कंट्रोल किसके पास होता है.

    कब-कब हुआ परमाणु बमों का इस्तेमाल
    दुनिया में सिर्फ नौ देश ही ऐसे हैं, जो परमाणु संपन्न हैं. परमाणु हथियार इतने खतरनाक होते हैं कि अगर एक बार किसी देश ने दुश्मन देश के ऊपर इसका इस्तेमाल किया तो बड़ी संख्या में लोग मौत के मुंह में समा सकते हैं. इतिहास में अभी तक सिर्फ एक बार परमाणु बम का इस्तेमाल हुआ है, जब द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था. परमाणु बम के इस्तेमाल और कंट्रोल को लेकर हर देश की अपनी अलग पॉलिसी है. कई देशों में इसका कंट्रोल राष्ट्र प्रमुख के पास होता है, तो वहीं कुछ देशों में सेना इनको अपने कंट्रोल में रखती है.

    भारत में किसके हाथ में होती है परमाणु हथियार की कमान
    भारत में प्रधानमंत्री परमाणु हमले का आदेश नहीं दे सकते हैं और न ही उनके पास किसी तरह का कोई रिमोट बटन होता है. परमाणु संपन्न और एक जिम्मेदार देश होने के नाते भारत ने परमाणु हथियारों के नियंत्रण को लेकर एक पूरी संरचना तैयार की है. इसमें परमाणु हथियारों से जुड़े फैसले न्यूक्लियर कमान अथॉरिटी को लेने का अधिकार होता है. इसमें दो तरीके की अथॉरिटी बनाई गई है, एक होती है राजनीतिक परिषद और दूसरी होती है कार्यकारी परिषद. देश के प्रधानमंत्री राजनीतिक परिषद की अध्यक्षता करते हैं. यह एकमात्र ऐसा निकाय है जो कि परमाणु हमले का आदेश देने का अधिकार रखता है.

    क्या काम करता है कार्यकारी परिषद
    वहीं दूसरा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कार्यकारी परिषद की अध्यक्षता करते हैं. कार्यकारी परिषद को राजनीतिक परिषद के आदेशों का पालन करना होता है. इसीलिए भारत में परमाणु हमले का फैसला कोई एक शख्स नहीं ले सकता है. हमारे देश में परमाणु हथियारों के प्रबंधन के लिए Strategic Forces Command यानि सामरिक बल कमान बनाया है, जो कि लॉन्चिंग मिसाइलों का इस्तेमाल करता है.

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