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    सरकार की ओर से ‘महिला सशक्तिकरण’ का एक मास्टर स्ट्रोक! ‘उन’ दोनों ने पाकिस्तान का गंदा चेहरा दुनिया के सामने ला दिया।

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    आतंकवाद को शह दे रहे पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने वायुसेना की मदद से संयुक्त अभियान चलाया।

    6 मई की मध्य रात्रि के बाद भारतीय सेना ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे 9 आतंकवादी शिविरों पर हमला किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को हमले के बारे में जानकारी दी और बताया कि लक्ष्य का निर्धारण कैसे किया गया।

    प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में मिसरी ने आतंकवादी गतिविधियों की कड़ी निंदा की। ’22 अप्रैल, 2025 को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने सिर में गोली मारी। उन्होंने पड़ोसी देश पर तीखा आरोप लगाया कि पाकिस्तान दुनिया भर के आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।

    पहलगाम में दंगे भड़काने के लिए आतंकवादी हमला..
    विदेश सचिव ने जवाब दिया कि पहलगाम में हमला दंगे भड़काने के उद्देश्य से किया गया था। पर्यटकों में भय का माहौल पैदा करने के लिए आतंकवादी हमला। टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली। हमले के बाद, स्वाभाविक रूप से भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों पर कुछ निर्णय लिये। हालाँकि, 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने की मांग बढ़ गई। यह कार्रवाई बहुत सावधानीपूर्वक और पूरी जिम्मेदारी के साथ की गई। यह कार्रवाई भारत में भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों पर अंकुश लगाने के लिए की गई थी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भारत पर आगे भी हमले होंगे तथा उन्हें रोकना चुनौतीपूर्ण होगा।

    उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहलगाम नरसंहार न केवल परिवारों पर एक जानबूझकर किया गया मनोवैज्ञानिक हमला था, बल्कि कश्मीर में स्थिरता की बहाली को पटरी से उतारने का एक स्पष्ट प्रयास भी था।

    इस बीच, सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हमले की जानकारी दी।
    पाकिस्तान के रवैये के साथ-साथ आतंकवाद की कमर तोड़ने की इस मुहिम में भारत महिला शक्ति को केंद्र में रखता नजर आया है। इस संबंध में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सेना को हमले के बारे में जानकारी दी।

    6-7 मई 2025 की रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच क्या हुआ, इसकी जानकारी देते हुए कर्नल कुरैशी ने कहा, ‘पहलगाम हमले के निर्दोष पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। जिसके तहत पाकिस्तान स्थित 9 ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। पिछले एक दशक से पाकिस्तान में आतंकवाद फल-फूल रहा है। इसमें भर्ती, प्रशिक्षण केंद्र और लॉन्चपैड शामिल थे। जो पाकिस्तान और पीओजेके तक फैल गया है।’

    दोनों अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना ने विश्वसनीय गोपनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर लक्ष्यों का चयन किया ताकि आतंकवाद की कमर तोड़ी जा सके। उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित करने का ध्यान रखा गया कि इन हमलों में निर्दोष नागरिकों और सार्वजनिक स्थानों को कोई नुकसान न पहुंचे। कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बहुत स्पष्ट जानकारी दी कि इस बार किन आतंकवादी शिविरों पर हमला किया गया।

    हमले की जिम्मेदारी:
    द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक समूह ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक अंग है।
    भारत ने 2024 में संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति निगरानी टीम को टीआरएफ के बारे में सूचित किया था, जिसमें कहा गया था कि यह एक पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह है।

    पर्दे के पीछे का सच:
    भारत ने दिसंबर 2023 में यह भी कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद टीआरएफ जैसे छोटे समूहों के माध्यम से काम कर रहे हैं।
    पाकिस्तान ने 25 अप्रैल, 2025 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य से टीआरएफ का उल्लेख हटाने का प्रयास किया था।

    जांच से पता चला विवरण:
    पहलगाम हमले की जांच में पाकिस्तान में आतंकवादियों के साथ संचार के सबूत मिले।
    टीआरएफ के दावों की पुष्टि लश्कर-ए-तैयबा के सोशल मीडिया हैंडल से भी हुई है।
    गवाहों के बयानों के आधार पर हमलावरों की पहचान कर ली गई है।
    खुफिया एजेंसियों ने हमले के मास्टरमाइंड और समर्थकों का सटीक पता लगा लिया है।

    पाकिस्तान का आतंकवादी इतिहास:
    पाकिस्तान का सीमापार आतंकवाद का लंबा इतिहास रहा है और यह बात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित हो चुकी है।
    पाकिस्तान विश्व भर के आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है, जहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी खुलेआम घूमते हैं।
    पाकिस्तान ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) और अन्य मंचों पर लगातार दुनिया को गुमराह करने की कोशिश की है।

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