




अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व, ने 17 सितंबर 2025 को अपनी बेंचमार्क ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की घोषणा की। यह कदम अमेरिकी श्रम बाजार में कमजोरी और धीमी आर्थिक वृद्धि के बीच लिया गया है।
फेडरल रिजर्व की नीति में बदलाव
फेडरल रिजर्व ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर को 4.00% से 4.25% के दायरे में घटाया है। इसके साथ ही, फेड ने संकेत दिया है कि अक्टूबर और दिसंबर 2025 में भी ब्याज दरों में कटौती की संभावना है।
भारत पर प्रभाव
1. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव
फेड की इस घोषणा के बाद, भारतीय शेयर बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी 50 में तेजी आई, विशेषकर आईटी और बैंकिंग सेक्टर में।
2. सोने की कीमतों में वृद्धि
ब्याज दरों में कटौती के कारण, निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
3. मुद्रा विनिमय दर पर असर
अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के कारण, भारतीय रुपया मजबूत हो सकता है, जिससे आयातित वस्तुओं की कीमतों में कमी आ सकती है।
4. मुद्रास्फीति और उपभोक्ता खर्च
ब्याज दरों में कमी से उपभोक्ताओं के लिए ऋण सस्ता हो सकता है, जिससे उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, मुद्रास्फीति पर इसका प्रभाव सीमित रह सकता है।
वैश्विक बाजार पर प्रभाव
फेड की इस नीति से वैश्विक बाजारों में भी हलचल मच सकती है। उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह बढ़ सकता है, जिससे उनकी मुद्राएं मजबूत हो सकती हैं।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती का भारत समेत वैश्विक बाजारों पर मिश्रित प्रभाव पड़ सकता है। भारतीय निवेशकों को सतर्क रहते हुए, इस बदलाव का लाभ उठाने के लिए रणनीतिक निवेश निर्णय लेने चाहिए।